तालवृक्ष रेंज स्थित बनी बीट की भूमि पर अतिक्रमण करने वालों ने न केवल सरकारी भूमि पर कच्चे छप्पर का निर्माण कर लिया है, बल्कि ताल के पेड़ों को भी कांटेदार बाड़ बनाकर कब्जे में ले लिया है। वन क्षेत्र में हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलने से वहां हरियाली का अस्तित्व पर ही संकट मंडराने लगा है। इतना ही नहीं अतिक्रमी बनी बीट का सीमा ज्ञान नहीं होने का बहाना कर गैर खातेदारी वन भूमि पर अवैध कब्जा बढ़ाने में लगे हैं।
सीमाज्ञान नहीं होने का तर्क दे पल्ला झाड़ रहे सरिस्का के अधिकारी बनी बीट का सीमांकन नही होने का तर्क देकर गैर खातेदारी भूमि पर अतिक्रमण की समस्या से पल्ला झाडऩे का प्रयास कर रहा है। यही कारण है कि सरिस्का प्रशासन अब तक अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है। वहीं बनी बीट स्थित शिवलिंग को भी अतिक्रमियों ने अपने कब्जे में ले लिया है। अतिक्रमण की चपेट में आए आधा दर्जन से अधिक (अर्जुन) ताल के पेड़ो पर भी अब सरिस्का प्रशासन के बजाय अतिक्रमियों का कब्जा है।
छोटे पेड़ों को काट कर कर रहे हैं साफ बनी बीट में अतिक्रमण करने वाले लोगों ने बिलायती कीकर व अडूष्टा के पेडों को कर कर बाड़ कर ली है। वहीं कच्चा छप्पर भी बना दिया है तथा अतिक्रमण को बढ़ाने के लिए छप्पर बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
अधिकारी भी मान रहे अतिक्रमण
तालवृक्ष क्षेत्रीय वन अधिकारी संतोष कुमार ने बताया कि यह भूमि सिवाचक गैर खातेदारी की है। जिस पर अतिक्रमण करने वाला जबरन कब्जा कर रहा है। इसके लिए थानागाजी तहसीलदार को सीमांकन के लिए कह दिया गया है। वहीं सरिस्का उपवन संरक्षक हेमन्त सिंह ने बताया कि वह भूमि सिवाचक भूमि है। तालवृक्ष रेंज से इस बारे में पूरी जानकारी की जाएगी।