भवनों में भरता है पानी
बारिश के दिनों में मत्स्य विश्वविद्यालय का बेसमेंट पानी से लबालब हो जाता है। पिछले डेढ़ साल से कक्षाएं इसी भवन में लगाई जा रही हैं। अब तक कार्यदेयी एजेंसी ने पानी भरने की समस्या का कोई हल नहीं निकाला है। इसके चलते बेसमेंट में लगे बिजली के उपकरण को लेकर विश्वविद्यायल ने आरएसआरडीसी को ठीक करने के लिए पत्र भी लिखा है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है। वहीं, आरएसआरडीसी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि बजट मिलने पर ही भवन की रिपेयरिंग की जाएगी।कैंपस में इनका होगा निर्माण
दो मंजिला एकेडमिक भवन का निर्माण 18 करोड़ रुपए से होगाछात्र-छात्राओं के हॉस्टल का निर्माण 2 करोड़ रुपए से होगा।
गेस्ट हाउस और वीआईपी शूट का निर्माण 3 करोड़ 52 लाख रुपए से होगा।
स्टाफ क्वार्ट्स में रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार के 3 बीएचके, 2 बीएचके और 1 बीएचके के भवन 11 करोड़ की लागत से बनेंगे।
कैंटीन, यूनियन ऑफिस और खेल मैदान का निर्माण 2 करोड़ 75 लाख रुपए से होगा।
कुलपति निवास का निर्माण 2 करोड़ रुपए से होगा।
भर्तृहरि की प्रतिमा लगेगी, जिस पर एक करोड़ 40 की लागत आएगी।
भवन गार्डन और ब्यूटीशियन का काम एक करोड़ 80 लाख रुपए से होगा।
वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण 21 लाख रुपए से होगा।