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जानिए अलवर में पहाड़ों को लील गया अवैध खनन

अलवर. अवैध खनन जिले में एक-दो नहीं बल्कि अरावली पर्वमाला की कई पहाडि़यो को लील गया, लेकिन सरकार की कार्रवाई पेनल्टी वसूलने तक सिमटी रही।

अलवरFeb 27, 2018 / 11:14 pm

Prem Pathak

Know illegal mining of mountains in Alwar
खुद सरकारी आंकड़े गवाह है कि जिले से पांच करोड़ मीट्रिक टन से ज्यादा खनिज अवैध खनन माफिया चट कर अब तक कई मजबूर मजदूरों की जान तक ले गया, लेकिन जिम्मेदार विभाग यदा कदा अवैध के पत्थर, बजरी पकड़ वाहन चालकों से पेनल्टी राशि वसूलने से आगे नहीं बढ़ पाया।
वैध से कई गुना ज्यादा अवैध खनन

सरकारी आंकड़ों में अलवर जिले में खनिज के करीब 360 पट्टे स्वीकृत है, इनमें 2 प्रधान खनिज व 358 अप्रधान खनिज के पट्टे शामिल हैं। सरकार की कार्रवाई इन स्वीकृत खनिज पट्टों से आगे नहीं बढ़ पाई, जबकि जिले में इससे कई गुना ज्यादा खनन अवैध तरीके से हो रहा है। इस अवैध खनन की ओर किसी भी जिम्मेदार विभाग की नजर नहीं पहुंच पाई है।

अवैध खनन से चपत 480 करोड़ से ज्यादा, वसूले सिर्फ पौने नो करोड़ ही

एनजीटी में प्रशासन की ओर से पेश रिपोर्ट के मुताबिक अलवर जिले में अवैध खनन से सरकार को 480.80 करोड़ से ज्यादा की चपत लग चुकी है। यानि इतनी कीमत का करीब 5 करोड़ 22 लाख 83 हजार 390 मीट्रिक टन खनिज खनन माफिया निकाल ले गए। वहीं सरकार की अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई एक करोड़ 74 लाख 10 हजार रुपए की पेनल्टी वसूलने तक सीमित रही। खान विभाग ने जिले में वर्ष 2015 से 17 के बीच अवैध खनन, निगर्मन, स्टॉक तथा पट्टेधारियों से 8 करोड़ 74 लाख 95 हजार रुपए वसूल किए। यही कारण है कि जिले में अवैध खनन अब उन क्षेत्रों में पैर पसारने लगा है, जहां पहले लोग इसे बुराई समझते थे।
इसलिए नहीं लग पा रही अवैध खनन पर रोक

जिले में दो दशक से ज्यादा समय से बड़ी समस्या के रूप में उभरे अवैध खनन पर रोक के लिए सरकार अब तक प्रभावी योजना नहीं बना पाई है। वैसे तो अवैध खनन रोकने की जिम्मेदारी खान, वन, परिवहन, पुलिस, प्रशासन समेत अन्य विभागों पर है, लेकिन इन विभागों के बीच सदैव ही समन्वय का अभाव खटकता रहा है। इस कारण जिले में अवैध खनन के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई। वहीं कार्रवाई के नाम पर ये विभाग पुलिस व प्रशासन का मुंह ताकते दिखाई पड़ते हैं।
रसूखदारों ने थामी कार्रवाई की चाल

जिले में बढ़ रहे अवैध खनन के पीछे रसूखदारों का हस्तक्षेप बड़ा कारण रहा है। खास बात यह है कि कई रसूखदारों के रिश्तेदारों व निकट के लोगों ने खनन पट्टे लिए हुए हैं। इन खनन पट्टों की आड़ में एेसे लोग खनन माफिया से मिल अवैध खनन को भी फल फूलने देते हैं। वहीं रसूखदारों के चलते सरकारी विभाग भी अवैध खनन में कार्रवाई में बौने नजर आते हैं।
करोड़ों मीट्रिक खनिज निकाल ले गए, कार्रवाई 3733 मामले दर्ज करने तक

गत चार साल में अलवर जिले में अवैध खनन के खिलाफ मामले तो 3733 दर्ज किए गए, इनमें अलवर शहर में 106, अलवर ग्रामीण में 467, कठूमर में 133, किशनगढ़बास में 122, तिजारा में 1024, थानागाजी में 94, बहरोड़ में 318, बानसूर में 267, मुण्डावर में 297, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ में 430 व रामगढ़ में 474 मामले अवैध खनन के खिलाफ दर्ज किए गए हैं।
अवैध खनन पर प्रभावी कार्रवाई के निर्देश

अवैध खनन के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए खान विभाग को आरएसी मुहैया कराई गई है। वहीं सभी संबंधित विभागों को अवैध खनन रोकने के लिए प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
राजन विशाल

जिला कलक्टर अलवर

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