आक्रोशित किसानों का कहना था कि एक सप्ताह से फसल सिंचाई के लिए थ्री फेज पावर सप्लाई नहीं मिलने से पांच गांवों के किसान परेशान है। वे ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भरकर बुधवार सुबह उपखण्ड़ कार्यालय पहुंचे। यहां एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर एक सप्ताह से विद्युत सप्लाई नहीं मिलने के बारे में अवगत करवाया। पूर्व सरपंच श्रीराम चौधरी, हरपाल यादव ने एसडीएम को बताया कि उन्हें फसलों की सिंचाई के लिए थ्री फेज पावर सप्लाई नहीं मिल रही है। जिससे फसल सिंचाई से पिछड़ रहे हैं। फसलों के खराब होने का खतरा मंडराने लगा है। महेंद्र चौधरी, राज तिवाडी ने बताया कि इन दिनों पड़ रही भीषण सर्दी के बावजूद रातभर जागकर सप्लाई आने का इंतजार करते है। सप्लाई नहीं मिल रही है। किसानों ने बताया कि बच्चों के अर्द्धवार्षिक परीक्षा चल रही। सिंगल फेज सप्लाई नहीं आने के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विद्युत सप्लाई नहीं आने से पानी की किल्लत भी बनी हुई है। जिससे ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही है। किसानों ने मंगलवार को हुए घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी और निगम अधिकारियों पर गम्भीर आरोप लगाए। निगम के अधिकारियों को कार्यालय में बुलाने पर अड़ गए। बाद में एसडीएम के निर्देशन पर निगम एईएन जगन मीना एसडीएम कार्यालय पहुंचे। यहां एईएन के पहुंचते ही किसानों ने जमकर नारेबाजी की। बाद में एसडीएम ने एईएन से मामले के बारे में जानकारी लेकर समस्या समाधान के निर्देश दिए।
फीडर पर अधिक लोड होने से समस्या पैदा हुई एईएन जगन मीना ने बताया कि फीडर पर अधिक लोड होने के चलते समस्या पैदा हुई है। उन्होंने किसानों से समझाइश के प्रयास किए, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं हुए। बाद में उपखण्ड़ कार्यालय में भी एसडीएम की मौजूदगी में दोनों पक्षों में वार्ता हुई, लेकिन कोई निर्णय नहीं होने से नाराज किसान कस्बे के भगतसिंह चौराहे पर पहुंचे और मालाखेड़ा, जालूकी व कठूमर रोड़ पर अवरोधक लगाकर जाम लगा दिया। जिससे कुछ ही देर में तीनों सड़क मार्गों पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। किसान जाम लगाकर धरने पर बैठ गए। जाम की सूचना पर एएसआई बनवारीलाल मय पुलिस जाप्ते के मौके पर पहुंचे। जाम लगने के एक घन्टे बाद तहसीलदार ममता कुमारी मौके पर पहुंची और किसानों से समझाइश की, लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं हुए। तहसीलदार ने विद्युत निगम के एईएन को मौके पर बुलाया। तहसीलदार ममता कुमारी ने लगभग दो घन्टे की समझाइश के बाद किसान माने और धरना समाप्त कर शाम लगभग 4 बजे जाम को खोला। जाम खुलने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। इस दौरान पूर्व सरपंच श्रीराम चौधरी, महेंद्र चौधरी, राज तिवाडी, योगेश जाट, विनोद जाटव, इकबाल खान सहित सैकड़ों की तादाद में किसान मौजूद रहे।
किसानों की यह है मांग लीली फीडर के गांवों के किसानों की मांग थी कि लक्ष्मणगढ़ ग्रामीण जीएसएस से जुड़े सात नम्बर फीडर में शामिल कठूमर क्षेत्र के गांवों को हटवाने तथा लीली फीडर को अस्थाई रूप से कस्बे से जोड़ने की मांग की। तहसीलदार ममता कुमारी व एईएन जगन मीना के साथ हुई वार्ता में समस्या समाधान के लिए किसानों को गुरुवार को निगम कार्यालय बुलाया, जहां समस्या समाधान को लेकर चर्चा होगी।
एसडीएम ने निगम के एसई को लिखा पत्र एसडीएम महोकमसिंह ने बताया कि क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति समस्या का देखते हुए निगम के एसई अलवर को पत्र लिखा है। किसान फसल की पिलाई के लिए विद्युत की मांग कर रहे हैं। किसानों में आक्रोश है। लिहाजा कानून व्यवस्था के लिए अत्यंत चुनौती उत्पन्न हो रही है।
फीडर पर काफी ज्यादा लोड है विद्युत निगम लक्ष्मणगढ़ के एईएन जगन मीना का कहना है कि जब तक 220केवी जीएसएस नहीं बनेगा तब तक समस्या का समाधान संभव नहीं है। हरसंभव बेहतर व्यवस्था बनाने के प्रयास करते हैं। फीडर पर काफी ज्यादा लोड है। लोड के हिसाब से ही सप्लाई दे रहे है। किसानों की समस्या के समाधान के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है।
समाधान के प्रयास किए जाएंगे तहसीलदार लक्ष्मणगढ़ ममता कुमारी का कहना है कि निगम के एईएन व 132केवी प्रसारण एईएन को मौके पर बुला लिया था। किसानों से वार्ता कर धरना समाप्त करा दिया है। किसानों को गुरुवार को जनसुनवाई में बुलाया है। जहां निगम के एक्सईएन, एईएन व एसडीएम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। जिसमें समस्या के समाधान के प्रयास किए जाएंगे।