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दीपावली खुशियां मनाने का त्योहार है। इस दिन आतिशबाजी कर खुशियां मनाते हैं, लेकिन पिछले कई सालों से लोग खुशियों के त्योहार पर पटाखे नहीं चला पा रहे हैं। वैसे तो इन दिनों अलवर शहर का एक्यूआई 250 तथा भिवाड़ी का 450 के पार पहुंच रहा है। लेकिन इसमें आतिशबाजी का प्रदूषण नहीं के बराबर है। कारण है कि रोक के चलते दीपावली पर आतिशबाजी काफी कम मात्रा में होती है। वहीं इन दिनों आतिशबाजी नहीं है, फिर भी हवा में प्रदूषण का स्तर ज्यादा है। वहीं भिवाड़ी में भी नियमित उद्योग संचालन के अलावा आतिशबाजी नहीं है, फिर भी एक्यूआई देश में उच्चतम स्तर पर पहुंच रहा है।
ग्रेप की चतुर्थ स्टेज लागू की हुई है
प्रदूषण की रोकथाम के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने इन दिनों अलवर सहित पूरे एनसीआर में ग्रेप की चतुर्थ स्टेज लागू की हुई है। जबकि ग्रेप में किसी भी प्रकार की आतिशबाजी करने पर रोक है। इस कारण इस बार भी अलवरवासी दीपावली पर पटाखे नहीं चला पाएंगे।
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विक्रय के लिए लाइसेंस भी नहीं दिए
एनसीआर में आतिशबाजी पर रोक के चलते प्रशासन की ओर से इस बार भी फुटकर में आतिशबाजी बेचने के लाइसेंस नहीं दिए गए हैं। केवल स्थाई मेगजीन के लाइसेंस ही हैं, लेकिन इन व्यापारियों पर छोटे दुकानदारों को दीपावली पर आतिशबाजी बेचने पर रोक है। हालांकि अलवर शहर में चोरी- छिपे कुछ स्थानों पर बिना लाइसेंस के आतिशबाजी की बिक्री की जा रही है। पुलिस की ओर से अलवर सहित जिले के अन्य स्थानों पर बिना लाइसेंस आतिशबाजी बेचने या एकत्र करने पर कार्रवाई भी की है।