यूं चल रहा है मौत का सिलसिला शहर में गर्मी व शराब के सेवन सहित अन्य कारणों से मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। शनिवार को भी सुबह अस्पताल के बरामदे में एक 45 वर्षीय व्यक्ति अचेतावस्था में पड़ा हुआ मिला। मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी है, लेकिन प्रारंभिक तौर पर गर्मी से मौत होना माना जा रहा है। मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम के बाद चल सकेगा। कोटकासिम क्षेत्र में एक 22 वर्षीय महिला ने शनिवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जिसके शव को पोस्टमार्टम के लिए दोपहर को सामान्य अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया। एक दिन पहले गोङ्क्षवदगढ़ क्षेत्र के न्याणा गांव की एक छात्रा ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया था। इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। इस पर मृतका के शव को शुक्रवार देर शाम पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया। शुक्रवार को ही एमआईए क्षेत्र में देर शाम एक व्यक्ति अचेतावस्था में मिला था। जिसे जांच के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। यह शव भी पोस्टमार्टम के लिए सामान्य अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया है।
नियमानुसार लावारिस हालत में मिले शवों को शिनाख्तगी के लिए तीन दिन तक मुर्दाघर में रखा जाता है। परिजनों का पता चलने के बाद पोस्टमार्टम के बाद शव की सुपुर्दगी की जाती है। जो लावारिस शव रहते हैं, उन्हें अंतिम संस्कार के लिए पुलिस को सौंप दिया जाता है।
उधर, लू-तापघात के मरीजों के लिए बनाया गया हीट स्ट्रोक वार्ड शनिवार को खाली रहा। अस्पताल प्रशासन की ओर से 29 मई को ट्रोमा के आब्जर्वेशन वार्ड में हीट स्ट्रोक वार्ड को शिफ्ट करने के बाद यहां इलाज के लिए 23 मरीजों को भर्ती किया गया। इनमें 8 मरीजों के स्वस्थ होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि 14 मरीजों की स्थिति में सुधार होने पर उन्हें सामान्य वार्ड में भर्ती किया गया है। फिलहाल अस्पताल के हीट स्ट्रोक वार्ड में एक भी मरीज भर्ती नहीं है।