राजस्थान पत्रिका ने 21 अप्रेल के अंक में माजरी में रह रहे बांग्लोदशी, मतदाता बनने की तैयारी में शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया तो जिला मुख्यालय का प्रशासन जागा और तुरंत एक टीम बनाकर कार्रवाई को भेजा। रविवार को एक भी ईंट-भट्टे से 34 संदिग्ध बांग्लादेशियों को पकड़ा है। जिनसे करीब 16 आधार कार्ड भी जब्त किए गए हैं। ये ज्यादातर आधार कार्ड भी फर्जी हैं, जो उन्होंने उसी गांव में 500 से 1000 रुपए देकर बनवाए हैं। पूरी गहनता से यहां के सभी 30 से अधिक ईंट-भट्टों पर कार्रवाई की गई तो 300 से अधिक संदिग्ध हो सकते हैं, तो छोटे गांव या ढाणी की आबादी से कहीं अधिक है। यहां कार्रवाई में डीएसबी शाखा अलवर से बलदेव राज व नीमराणा थाना प्रभारी हितेश शर्मा, उप निरीक्षक ताराचंद व पुलिस टीम मौजूद थी।
ठेकेदार व आधार कार्ड वाले भी घेरे में ताज्जुब की बात यह है कि ईंट भट्टे वालों ने इनसे कोई जानकारी या दस्तावेज नहीं लिए। ठेकेदारों के सहयोग से फर्जी आधार कार्डतक बनवा लिए। अब भट्टों के मालिक, ठेकेदार व फर्जी आधार कार्डबनवाने वालों पर भी गाज गिर सकती है। तभी आगे इस तरह के संदिग्ध लोगों को आने से रोका जा सकता है।
तो मासूम बच जाते गुप्तचर एजेंसी या पुलिस प्रशासन पहले सचेत होता तो इन मासूमों को नहीं भटकना पड़ता।जो यहां आकर पैदा हुए हैं। उनका कसूर तो नहीं है। शुरूआत में ही इनको यहां रहने से रोक दिया जाता या वापस बांग्लादेश भेज दिया जाता।अब पकडऩे के बाद भी यही कार्रवाई की जाएगी।
रोहिंग्या के बाद सख्ती देश में रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ के बाद से सभी गुप्तचर एजेंसियां सक्रिय है। जो बांग्लादेशियों पर भी बराबर नजर बनाए हुए हैं। इसके बावजूद भी देश में बांग्लोदशी मिल रहे है। बहुत जगहों पर गुपचुप कार्यकर रहे हैं। स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर आधार कार्ड बनवा लेते हैं। यह भी हो सकता है कि कुछ ने मतदाता सूचियों में नाम भी जुड़वा लिए हों। यह सब जांच मेंं सामने आ सकेगा।
कार्रवाई को देख मचा हडक़म्प माजरी में रविवार को ईंट-भट्टों पर कार्य कर रहे बांग्लादेशियों की धरपकड़ शुरू होते ही हडक़ंप मच गया। एक ही ईंट-भट्टे के संदिग्ध पकड़ में आए हैं। जिनसे 16 आधार कार्ड व 5 मोबाइल भी जब्त किए हैं। इस क्षेत्र में करीब 30 ईंट-भट्टों पर संदिग्ध बांग्लादेशियों की संख्या में 300 से भी अधिक हो सकती है। जांच की कार्रवाई कुछ दिन और चल सकती है।
बगल में चौकी, फिर भी बेखबर जानकारी के अनुसार ये संदिग्ध बांग्लादेशी कई सालों से धीरे-धीरे आकर यहां बसे हैं। पैसे देकर आधार कार्ड बनवाते रहे। जबकि बगल में ही पुलिस चौकी है। इसके बावजूद उनको यह भनक तक नहीं लगी और बांग्लादेश से बॉर्डर पार कर संदिग्ध यहां आकर जमते गए। तभी तो इतनी संख्या में संदिग्ध बांग्लोदशी हैंं। जिसका अनुमान एक ईंट भट्टे पर मिले 34 बांग्लादेशियों से लगा सकते हैं।