सरदार बल्लभ भाई पटेल का योगदान
इतिहासकार हरिशंकर गोयल ने बताया कि 25 फरवरी 1948 को सरदार बल्लभ् भाई पटेल अलवर आए और राजर्षि कॉलेज ग्राउंड में उन्होंने भाषण दिया। सरदार पटैल के भाषण के बाद कुछ अलवर के बडे राजपूत सरदार उनसे मिलने नई दिल्ली गए। भेंट से पहले इनकी तलाशी ली गई कि सश्स्त्र साजिश तो नहीं है।9 मार्च 1948 को भरतपुर का शासक केंद्र ने अपने हाथ में ले लिया ङ्क्षकतु भरतपुर महाराजा को भरतपुर रहने की आज्ञा दे दी गई। इधर , रि यासती विभाग देशभर की रियासतों का एकीकरण की योजना को ध्यान में रखते हुए राजस्थान की रियासतों की समस्या को हल करने में लगा रहा। इसी दिशा में तत्कालीन महाराजा धौलपुर ने कदम उठाया और धौलपुर को विलय करने की स्वीकृति दे दी, साथ ही करौली भी भारत संघ में आ गया और 10 मार्च 1948 को अलवर, भरतपुर, धौलपुर करोली का संयुक्त राज्य मत्स्य संघ के नाम से घोषित हो गया। मत्स्य संघ का उदघाटन करने के लिए सरदार पटेल को आना था ङ्क्षकतु अस्वस्थता के चलते गाडगिल को भरतपुर जाकर 17 मार्च को उदघाटन करना पडा।