अरब देशों के निर्यातक भी आ चुके अलवर की मंडी में
अलवर की प्याज की अच्छी क्वालिटी के कारण अरब देशों में इसकी मांग बनी हुई है। इसको देखते हुए अभी हाल ही में मुबंई से निर्यातक अलवर मंडी पहुंचे थे। पिछले साल भी मुबंई से कुछ निर्यातक अलवर मंडी आए थे, लेकिन प्याज में नमी की मात्रा अधिक होने के कारण बात आगे नहीं बढ़ सकी। व्यापारियों की मानें तो अरब देशों में प्याज के और भी अच्छे भाव मिल सकते हैं, लेकिन अलवर से वहां तक प्याज पहुंचने में करीब 10 दिन का समय लगता है। ऐसे में नमी के कारण प्याज के अंकुरित होने की संभावना रहती है। इसके कारण अरब देशों को प्याज का निर्यात नहीं हो पा रहा है। अलवर की प्याज की बढ़ रही मांग
अलवर की प्याज को देश के विभिन्न राज्यों सहित विदेशों में भी खासा पसंद किया जा रहा है। फिलहाल साउथ के प्रदेशों को छोड़कर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, आसाम, बंगाल, बिहार, उत्तराखंड, उत्तरांचल और झारखंड सहित बांग्लादेश में अलवर की प्याज की जबरदस्त मांग बनी हुई है। ऐसे में जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से आई अधिकांश प्याज हाथो-हाथ बाहर भेजा जा रहा है।
20 से 25 हजार कट्टे की आवक हो रही
इन दिनों अलवर मंडी में प्याज की करीब 20 से 25 हजार कट्टों की आवक प्रतिदिन हो रही है। मंगलवार को मंडी में 25 हजार कट्टों की आवक हुई थी। वहीं, आगामी दिनों में अलवर मंडी में प्याज की आवक 80 हजार से सवा लाख कट्टों तक पहुंचने की संभावना है। बताया जा रहा है कि 15 नवंबर से 15 दिसंबर तक प्याज की आवक पीक पर रहती है। ऐसे में आगामी दिनों में प्याज की आवक में इजाफा होगा।
भाव अच्छे मिल रहे
प्याज की क्वालिटी अच्छी होने के साथ ही भाव भी अच्छे मिल रहे हैं। वहीं, आगामी कुछ दिनों तक प्याज के भाव स्थिर रहने की संभावना है। इसके बाद नमी की मात्रा पर प्याज के भाव निर्भर रहेंगे। ऐसे में किसान प्याज को 5-6 दिन सुखाकर मंडी में विक्रय के लिए लेकर आएं। धारा भाई, प्याज व्यापारी