मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गत 12 मई को अलवर में मिनी सचिवालय के लोकार्पण अवसर पर सार्वजनिक तौर पर सभा में टाइगर रिजर्व सरिस्का िस्थत ऐतिहासिक पाण्डुपोल हनुमान मंदिर में दर्शनार्थियों से वसूले जाने वाले शुल्क को खत्म करने की घोषणा करके गए। इस घोषणा को करीब डेढ़ माह बीत गया, लेकिन अब तक पाण्डुपाेल हनुमान मंदिर में दर्शनार्थियों को नि:शुल्क प्रवेश दिए जाने के आदेश जारी नहीं हो सके। यही कारण है कि अभी पाण्डुपोल जाने वाले श्रद्धालुओं को हनुमानजी के दर्शन के लिए शुल्क का भुगतान करना पड़ रहा है।
तीन महीने में आदेश नहीं हुए तो अटक सकते हैं आदेश प्रदेश में विधानसभा चुनाव नवम्बर- दिसम्बर में प्रस्तावित हैं। इसके लिए अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में आदर्श आचार संहिता प्रभावी होना तय है। ऐसे में सितम्बर माह तक आदेश जारी नहीं हुए तो पाण्डुपोल मंदिर में नि:शुल्क दर्शन की घोषणा अटक सकती है।
सरिस्का प्रशासन को आदेशों का इंतजार ऐतिहासिक पाण्डुपोल हनुमान मंदिर टाइगर रिजर्व सरिस्का में िस्थत है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं काे सरिस्का के सदर गेट या टहला गेट से प्रवेश करना होता है। इन गेटों पर श्रद्धालुओं को प्रवेश शुल्क चुकाने के बाद ही सरिस्का में प्रवेश दिया जाता है। हालांकि मंगलवार व शनिवार को श्रद्धालुओं का प्रवेश नि:शुल्क रहता है, लेकिन वाहन का शुल्क देना होता है। इस सम्बन्ध में सरिस्का के अधिकारियों का कहना है कि अब तक उन्हें इस तरह के आदेश नहीं मिले हैं। यह आदेश राज्य सरकार स्तर पर ही जारी होने हैं।
देश भर से आते हैं श्रद्धालु सरिस्का िस्थत ऐतिहासिक पाण्डुपोल मंदिर के दर्शन के लिए अलवर जिला ही नहीं, बल्कि देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। हर मंगलवार व शनिवार को पाण्डुपोल जाने वाले दर्शनार्थियों की संख्या कई हजार तक पहुंच जाती है, करीब एक हजार से ज्यादा वाहन मंगलवार व शनिवार काे प्रवेश करते हैं। वहीं अन्य दिनों में भी श्रद्धालुओं का पाण्डुपोल मंदिर आना- जाना रहता है।
हरियाणा, दिल्ली व यूपी के श्रद्धालु ज्यादा पाण्डुपोल मंदिर के दर्शन के लिए हरियाणा, दिल्ली, यूपी, पंजाब सहित अन्य प्रदेशों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में आते हैं।
यह है वाहनाें के प्रवेश का शुल्क
वाहन मैनुअल शुल्क ईमित्र शुल्क
बाइक 60 रुपए प्रति बाइक —– कार- जीप 370 रुपए 380 रुपए
बस 600 रुपए 610 रुपए