हालांकि इस व्यवस्था में कुछ समय लग सकता है लेकिन, इएसआइसी मेडिकल कॉलेज परिसर में व्यवस्थाएं जुटाने में परेशानी रही तो प्रशासन के पास लॉड्र्स सिटी हॉस्पिटल को कोरोना अस्पताल बनाने का दूसरा प्रमुख विकल्प है। इन दोंनों जगहों का प्रशासन की टीम ने मौका देख लिया है। जिला कलक्टर के स्तर पर संभवतया जल्दी कोई निर्णय हो सकता है।
इएसआइसी में यह उलझन इएसआइसी मेडिकल कॉलेज में कोरोना सेन्टर चलाने में फिलहाल कुछ दिक्कतें हैं। यहां सेन्ट्रल एसी है। मतलब बड़ा परिसर है। एक साथ पूरी बिल्डिंग में एसी चलेगा। ऑक्सीजन सप्लाई दुरुस्त की जाएगी। आईसीयू के पांच ब्लॉक हैं। सबमें बैड हैं। एक साथ सबको अलग से चलाने के लिए कुछ काम दूसरे तरीके से कराने होंगे। वेंटिलेटर सहित अन्य आवश्यक मशीनरी की जरूरत होगी। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर सहित आवश्यक जानकारी पर विचार-विमर्श जारी है। वैसे भवन का इससे अच्छा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
लॉड्र्स सिटी हॉस्पिटल दूसरा विकल्प चिकानी रोड स्थित लॉड्र्स सिटी हॉस्पिटल भी प्रशासन ने देखा है। वहां पहले से अस्पताल संचालित होने के कारण आवश्यक उपकरण व तैयारी है। लेकिन अब प्रशासन को कर्मचारियों के आवास, आने-जाने की सहूलियत सहित सब तरह से देखकर निर्णय करना है।
मेडिकल कॉलेज में कुल 16 टावर इएसआईसी मेडिकल कॉलेज परिसर में मेडिकल कॉलेज भवन, हॉस्पिटल भवन,कम्यूनिट सेंटर, ऑडिटोरियम, गल्र्स हॉस्टल,इंटर्न हास्टल, नर्सिंग हॉस्टल, बॉयज हॉस्टल, रेजिडेंट हॉस्टल, रेजिडेंस क्वार्टर टाइप दो से छह, पेसेंट रिलेटिव कैंपस बने हुए हैं। ये सभी टावर अलग-अलग हैं।