अलवर . राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं। अलवर जिले में भारतीय जनता पार्टी को केवल 2 सीट ही मिल पाई। वहीं कांग्रेस भी यहां उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी, कांग्रेस के हिस्से में चार सीट आई। लेकिन हम बात कर रहे हैं, अलवर की उस सीट की जो इन चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय रही। अलवर शहर विधानसभा सीट। दरअसल, इस सीट की चर्चा विधानसभा चुनावों से नहीं, बल्कि लोकसभा उपचुनावों से रही। बनवारी लाल सिंघल ने 2013 के चुनावों में प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। लेकिन यहां लोकसभा उपचुनाव में प्रचार के दौरान पूर्व विधायक बनवारी लाल सिंघल का विरोध हो रहा था, शहर की सफाई व्यवस्था व बदहाली के कारण की इनके प्रति जनता में रोष था। इसके साथ ही इनके कुछ बयान भी चर्चा में रहे। नतीजा यह रहा कि विधानसभा चुनावों में इनका टिकट कट गया। मौका मिला सालों से पार्टी के कार्यकर्ता रहे पूर्व जिलाध्यक्ष संजय शर्मा को।
लोकसभा उपचुनाव में हार व विधायक के विरोध के बाद अलचर शहर सीट से भाजपा की राह आसान नहीं थी। इसलिए अलवर सीट से जीतना संजय शर्मा के लिए बड़ी उपलब्धि है।
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि अलवर शहर में संजय शर्मा ने अपनी छवि की बदौलत जीत हासिल की है। संजय शर्मा ने ना केवल उपचुनाव में बड़ी हार का अंतर कम किया, बल्कि उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्धी को 22 हजार से अधिक वोटों से हराया है। संजय शर्मा को कुल 85 हजार 41 वोट मिले, इस सीट पर वोट प्रतिशत की बात करें तो संजय को 51.23 प्रतिशत यानी आधे से ज्यादा वोट मिले हैं। भाजपा जिले में 9 सीटों से 2 पर सिमट गई है, लेकिन भाजपा के लिए बेहद ही मुश्किल मानी जा रही अलवर शहर सीट को संजय शर्मा ने अपने दम पर जीत लिया।