दूसरा उदाहरण बहरोड़ थाने से भागे बदमाश पपला का है। थाने से साथी बदमाशों के फरार हो गया। पुलिस आज तक नहीं पकड़ सकी है। इसी तरह भिवाड़ी के टपूकड़ा में दलित युवक की हत्या कर दी गई। लेकिन, पुलिस हत्यारों को नहीं पकड़ सकी तो आखिर में पिता ने दुखी होकर आत्महत्या कर ली। इस तरह अलवर में आए दिन होने वाली गोकशी, एटीएम लूट, हत्या व चेन स्नैचिंग जैसी घटनाएं प्रदेश की कानून व्यवस्था को बताने के लिए काफी है। इसके बाद विधायक ने चिकित्सा व्यवस्था व बेरोजगारी के मुद्दे उठाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में करीब 20 से 22 लाख युवाओं को बेरोजगारी भत्ते का इन्तजार है। दो लाख रुपए तक ऋण माफ करने में नाम पर किसानों को गुमराह किया गया। चिकित्सा व्यवस्था के हाल कोटा के बाद अलवर में भी देखे गए हैं। वहां भी एक नवजात की वार्मर में जलने से मौत हो गई। खराब वार्मर में नवजात का रखा गया।
शिशु वार्ड को चिकित्सालय बनाएं विधायक ने कहा कि अलवर के शिशु वार्ड को चिकित्सालय बनाने की जरूरत है। ताकि यहां लाखों की आबादी को बेहतर इलाज मिल सके। विधायक ने मुख्यमंत्री की मौजूदगी में जयपुर में निकाले गए शांति मार्च पर भी कटाक्ष किया। कहा कि उन्हीं की सरकार उनके ही मुख्यमंत्री। फिर भी शांति मार्च के समय इंटरनेट सेवाओं को ठप कर आमजन को परेशान किया गया।