हम बात कर रहे हैं अलवर जिले के सकट कस्बे के चौकीदारों की ढाणी (राजगढ़) में इन दिनों चार फीट लंबा आरिया चर्चा का विषय बना हुआ है। किसान प्रेमप्रकाश मीणा ने बताया कि उसके खेत में आरिया की बेल में चार फीट लंबा आरिया पककर तैयार हो गया। यह कारनामा किसी रासायनिक खाद के कारण नहीं बल्कि जैविक खाद के कारण संभव हो सका है।
किसान प्रेमप्रकाश मीणा ने बताया कि उनका खेत में घर है और खेत के एक कोने में पशुओं का गोबर आदि (रेवड़ा) डाला जाता है। आरिया की बेल इसी खाद में उगी थी। जिसे पर्याप्त मात्रा में जैविक खाद मिला। बेल बढ़ने लगी तो उसे छप्पर के ऊपर बढ़ने के लिए छोड़ दिया। धीरे-धीरे बेल बढ़ने लगी और इसमें आरिया आने लगे। बेल में सबसे बड़े आरिये की लम्बाई चार फीट तक बढ़ गई।