अलवर जिले की सड़कों पर ऐसे अनगिनत दुपहिया-चोपहिया वाहन घूम रहे हैं, जो कि पुलिस के नाम, लोगो और लाल-नीली बत्ती लगाए घूम रहे हैं। पिछले कुछ समय से युवाओं द्वारा अपने चोपहिया वाहनों पर लाल-नीली रंग की हूबहू पुलिस जैसी दिखने वाली लाइट लगाई जा रही है। ये लाइट गाड़ी के बोनट या फिर डेशबोर्ड पर लगाई जा रही है। युवा दिन और रात के समय ये लाल-नीली बत्ती जलाकर सड़कों पर तेज गाड़ियां दौड़ाते हैं। लाल-नीली बत्ती जलती देख लोग इन्हें पुलिस की गाड़ी समझते हैं और तुरंत साइड दे देते हैं। इतना ही नहीं ये लोग शहर में चाय की थड़ी, होटल-ढाबों और स्कूल-कॉलेजों के आगे भी ये बत्ती जलाकर टशन दिखाते नजर आते हैं। अलवर में ऐसी गाड़ियों की संया लगातार तेजी से बढ़ रही है, लेकिन पुलिस इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही।
मार्केट में 600 से 1300 तक बिक रही लाइट
अलवर में कार एसेसरीज बेचने वालों की दुकान या शोरूम पर ये लाल-नीली लाइट आसानी से मिल जाएगी। यहां ये लाइट अलग-अलग डिजायन और रेंज में उपलब्ध हैं। जिसकी कीमत 600 से लेकर 1300 रुपए तक है। इसमें गाड़ी के बोनट, आगे की ग्रिल, आगे-पीछे की नबर प्लेट और फ्रंट शीशे के अंदर डेशबोर्ड पर लगाने वाली लाइटें उपलब्ध हैं।
पुलिस की प्लेट लगाने से भी नहीं चूक रहे
वहीं, अलवर में हजारों ऐसे निजी वाहन दौड़ रहे हैं। जिन पर पुलिस लिखा हुआ है या फिर लाल-नीली पट्टी वाला पुलिस का लोगो लगा हुआ है। इतना ही नहीं कुछ लोग तो अपने निजी वाहनों पर पुलिस लिखी बड़ी-बड़ी प्लेट तक लगाकर चलते हैं तथा कुछ लोग अपनी गाड़ी के डेशबोर्ड पर पुलिस की टोपी रखकर भी चलते हैं, ताकि टोल टैक्स आदि पर टोल न देना पड़े। निजी वाहनों पर पुलिस जैसी लाल-नीली बत्ती और पुलिस का लोगो लगाना नियमों के विरुद्ध है। ऐसे वाहनों के खिलाफ पुलिस की ओर से कार्रवाई की जाती है। आगे और सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
- हरिओम मीणा, यातायात थाना प्रभारी, अलवर।