scriptRajasthan Roadways: सुविधा के नाम पर रोडवेज ने खरीदी बीएस-6 मॉडल की 510 नई बसें, लेकिन यात्रियों को लग रहा झटका, जानिए कैसे | Roadways bought 510 new buses of BS-6 model: Passengers are facing difficulty in sitting | Patrika News
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Rajasthan Roadways: सुविधा के नाम पर रोडवेज ने खरीदी बीएस-6 मॉडल की 510 नई बसें, लेकिन यात्रियों को लग रहा झटका, जानिए कैसे

पुरानी बस के मुकाबले नई बसों में सीट के बीच का गैप कम कर दिया गया, जिससे 100 किलोमीटर से ज्यादा लंबी दूरी की यात्रा करने पर तो यात्रियों के पैर दर्द करने लग जाते हैं।

अलवरDec 16, 2024 / 09:43 am

Rakesh Mishra

BS-6 model roadways bus
सुजीत कुमार
राजस्थान रोडवेज ने हाल ही 510 नई बसें खरीद कर यात्रियों को बेहतर सुविधा देने का काम किया है, लेकिन नई बसों में लंबी दूरी की यात्रा से लोगों को दर्द मिल रहा है। दरअसल, नई बसों में सीटों के बीच जगह कम कर दी है, जिसकी वजह से पैर समेटकर बैठना पड़ रहा है। यही नहीं गैप कम होने की वजह से यात्रियों को अंदर की तरफ सीटों पर जाने में भी परेशानी हो रही है।

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रोडवेज के पास कुछ महीने पहले तक बीएस-3 और बीएस-4 मॉडल की ही बसें थीं। बीएस-6 मॉडल की एक भी बस नहीं थी। इस कारण रोडवेज को एनसीआर सहित अन्य लंबे रूटों पर अनुबंधित बसों को चलाना पड़ रहा था। इस कमी को दूर करते हुए रोडवेज ने बीएस-6 मॉडल की 510 नई बसों की खरीद की। हाल ही ये बसें प्रदेश के सभी डिपो में भेजी गई हैं। पुरानी बस के मुकाबले नई बसों में सीट के बीच का गैप कम कर दिया गया, जिससे सीट पर बैठने पर 5 फीट 8 या 9 इंच जैसी सामान्य लंबाई वाले व्यक्ति के अगली सीट पर घुटने टच होते हैं। इस वजह से यात्रियों को बैठने में असुविधा हो रही है तथा 100 किलोमीटर से ज्यादा लंबी दूरी की यात्रा करने पर तो यात्रियों के पैर दर्द करने लग जाते हैं।

इंजन का काम करने के दौरान आती है परेशानी

रोडवेज के तकनीकी विशेषज्ञों के अनुसार पुरानी रोडवेज बसों में ड्राइवर केबिन का साइज कम है। ऐसे में गाड़ियों में इंजन का काम या अन्य मैकेनिकल काम करने के दौरान परेशानी आती है। केबिन छोटा होने के कारण इन बसों में पूरे मैकेनिकल टूल भी नहीं रखे जा सके। नई बसों में इसलिए केबिन का साइज बड़ा किया गया है ताकि इंजन या अन्य खराबी के दौरान बसों में मरम्मत आदि काम करने में मैकेनिकों को परेशानी नहीं आए।

इस तरह घट गया सीटों के बीच का गैप

अधिकारियों के अनुसार पुरानी रोडवेज बसों की लंबाई 32 फीट और चौड़ाई 8.6 फीट है तथा सीटों की संख्या 47 हैं। निर्धारित मापदंड के अनुसार नई बसों की लंबाई-चौड़ाई और सीटों की संख्या भी इतनी ही है, लेकिन नई बसें बीएस-6 मॉडल की होने के कारण उनमें सेंसर बढ़ा दिए गए हैं। पुरानी बसों में 14 सेंसर दिए हुए हैं, जबकि नई बसों में 28 सेंसर हैं। इस कारण सेंसर कंट्रोलिंग इश्यू बॉक्स 9 बाई 6 इंच से बढ़ाकर करीब ढाई बाई ढाई फीट कर दिया गया है, जिसके चलते नई बसों में ड्राइवर केबिन का साइज बढ़ा दिया गया है, वहीं बस के पीछे स्थित इमरजेंसी विंडो के आस-पास का स्पेस भी बढ़ाया गया है। इससे नई बसों में सीटों के बीच का गैप पुरानी बसों के मुकाबले करीब डेढ़ इंच कम हो गयाहै और सामान्य लंबाई वाले यात्रियों को बैठने में परेशानी हो रही है।

बसों में दो सीटों के बीच में कम गैप, यात्री परेशान

बीएस-6 मॉडल की नई रोडवेज बसों में सेंसर बढ़ाए गए हैं तथा मैकेनिकल कारणों के चलते केबिन का साइज बढ़ाया गया है। इमरजेंसी विंडो के आस-पास भी स्पेस बढ़ाया गया है। जिस कारण सीटों के बीच करीब एक से डेढ़ इंच का गैप कम हुआ है। यात्रियों को सफर में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो रही।

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