हम बात कर रहे हैं अरमान शूटर की जो पहले सिविल लाइंस में कबाब और पराठे की दुकान चलाता था। अरमान कबाब पराठा की दुकान चलाते-चलाते अतीक और उसके गैंग का खास सदस्य बन गया था। बताया जा रहा है कि इसके दुकान पर अतीक और अशरफ कबाब पराठा खाने जाते थे।
देखते-देखते अरमान कबाब पराठे वाला अतीक अहमद का खास बन गया। अरमान का बिहार का क्रिमिनल रिकॉर्ड देखकर ही अतीक ने इसे अपने गैंग में शामिल किया था। लेकिन अब अरमान को लेकर पुलिस और एसटीएफ की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे हैं। अरमान बिहार के सासाराम का मूल निवासी है।
अरमान कबाब पराठे वाला लंबे अर्से से अतीक गैंग के लिए काम कर रहा था। 24 फरवरी को अरमान ने भी उमेश और उनके सुरक्षाकर्मियों पर गोली बरसाई थीं। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उसकी पहचान हुई तो पुलिस टीम उसकी तलाश में कई दिनों तक खाक छानती रही।
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अरमान ने बिहार में कई ऐसे कांड किए हैं जो चर्चा में रहा है। उसकी अंतिम लोकेशन भी बिहार में मिली थी। इसके बाद अरमान के बिहार कोर्ट में सरेंडर करने की भी अफवाह उड़ी थी, जबकि ये सिर्फ अफवाह थी। क्योंकि पुलिस की तरफ से भी इसकी पुष्टि नहीं की गई। अरमान अभी फरार चल रहा है।प्रयागराज में 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड में शूटर अरमान भी शामिल था। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद अरमान की पहचान गुड्डू मुस्लिम की बाइक चलाते हुए हुई थी। उस दिन अरमान बाइक चलाने के साथ गोली चलाते हुए भी नजर आया था। घटना के बाद से सभी आरोपी चर्चा में रहे हैं, लेकिन अरमान कुछ दिन बाद चर्चा से गायब हो गया।