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नही होगी महाराजा टेंट कालोनी
जनवरी 2019 में संगम के तट पर दिव्य भव्य कुंभ की आभा दुनिया भर में बिखरी करोड़ों श्रद्धालु इसके गवाह बने । देश के करोड़ों सनातनी परंपरा को मानने वाले श्रद्धालुओं के साथ विदेशियों के लिए बीता कुंभ आकर्षण का केंद्र रहा । पहली बार कुंभ मेले में पर्यटन विभाग ने बढ़.चढ़कर भूमिका निभाई और टेंट सिटी टेंट कॉलोनी बनाकर थ्री स्टार होटलों जैसी व्यवस्था मेहमानों को दी देश के देश से आने वाले श्रद्धालुओं को आलीशान कुटिया में पर्यटन विभाग में ठहरा कर व्यवस्थाओं का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया था । लेकिन अब 2020 के माघ मेले में सरकार की व्यवस्थाएं पूरी होती नहीं दिख रही है । आलम यह है कि पंद्रह दिनों बाद शुरू होने जा रहे माघ मेले के लिए पर्यटन विभाग को अभी तक जमीन आवंटित नहीं की गई है।
सरकार ने अचानक बदला मन
कुंभ मेले के आकर्षण को देखते हुए मेला प्रशासन और पर्यटन विभाग यह मान रहा था कि आगामी माघ मेले में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी । जिनके ठहरने के लिए पहले जैसी व्यवस्था में पर्यटन विभाग लगा था । पर्यटन विभाग ने प्रस्ताव शासन को भेजा प्रस्ताव में महाराजा कॉटेज के निर्माण की योजना प्रमुख रूप से की गई थी । जानकारी के मुताबिक़ माघ मेला को कुंभ जैसा वैभव देने से उत्तर प्रदेश शासन में अचानक अपने हाथ खींच लिए हैं ऐसे में माघ मेले के प्रमुख स्नान पर्व पर आने वाले देश भर के पर्यटकों को ठहरने के लिए शहर के होटलों लाजो का ही सहारा लेना पड़ेगा ।
पर्यटन विभाग भी हुआ निराश
जिला पर्यटन कार्यालय के उप निदेशक दिनेश कुमार ने बताया कि पहले जैसे कॉटेज मेले में नहीं बनाए जा रहे हैं । शासन से प्रस्ताव स्वीकृत नहीं किया गया है । अब इतने कम समय में प्रस्ताव के स्वीकृत होने और टेंट सिटी को बताए जाने की उम्मीद कम है ।