निगरानी के लिए तैयार हुआ सरकारी अमला प्रयागराज में गंगा-यमुना दोनों नदियों में पिछले हफ्ते से जलस्तर में बढ़ोत्तरी को लेकर बाढ़ नियंत्रण विभाग और जिला प्रशासन की टीम अब निगरानी में लग गए। हर वर्ष की भांति इस वर्ष बाढ़ की संभावना अधिक है जिसको लेकर तैयारी भी शुरू हो गई है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को एहतियात बरतने को कहा गया है। गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर जलस्तर बढ़ने के बाद तीर्थ पुरोहित अपने तख़्त सामान समेटकर पीछे आने लगे हैं। इसके साथ ही दुकान लगाने वाले दुकानदार भी पीछे हटने लगे हैं। पानी बढ़ने के कई घाट डूब गए हैं।
देश के कई हिस्सों में हो रही है बरसात देश के कई हिस्सों में बरसात का असर प्रयागराज की दोनों नदियों में देखने को मिल रहा है। सोमवार की सुबह से ही यहां बादलों ने डेरा डाला और फिर पानी बरसा तो गर्मी से राहत मिली। यमुना का जल स्तर 75.85 मीटर दर्ज किया गया है। यमुना का जल स्तर रविवार के रात से तेजी के साथ बढ़ रहा है। जिला प्रशासन ने बाढ़ वाले मोहल्ले में रहने वाले लोगों सुरक्षित जगह जाने को लेकर निर्देशित किया है।
बाढ़ का पानी पहुंच जाता है कई मुहल्ले तक प्रयागराज में गंगा- यमुना बारिश के मौसम में हर साल ज़बरदस्त तबाही मचाती है। दर्जनों मोहल्लों की इमारतें एक मंज़िल तक पानी में डूब जाती हैं। करीब महीने भर तक हाहाकार मचा रहता है। इस बार अभी बाढ़ जैसे हालात तो नहीं है, लेकिन सरकारी अमले ने एहतियातन कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। लगातार हालात पर नज़र रखी जा रही है। इसके साथ ही हालात बिगड़ने पर खोले जाने वाली बाढ़ चौकियों व राहत केंद्रों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है।