बुधवार को इलाहाबाद के दारागंज थानाक्षेत्र के संगम स्थित दशाश्वमेध घाट गणेश मंदिर के पास रामलीला कमेटी के गगन निषाद को जान से मारने आए बदमाशों ने दिनदहाड़े गोलियां चलायीं और बम से हमला कर दिया। इसमें गगन निषाद को दो गोलियां मारी गयीं, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए। निराला भी हमले की जद में आए और बम के छर्रों से वह बुरी तरह घायल हुए, घटना में दो महिलाएं भी घायल हुईं।
चारों को इलाज के लिये एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सभी की हालत नाजुक बतायी गयी थी। गुरुवार को भी हालत वैसी ही बनी रही और दोपहर में निराला की मौत हो गयी। स्थानीय लोगों की मानें तो घटना रामलीला कराने के विवाद को लेकर हुई। लोगों ने इस मामले को लेकर पुलिस को भी कटघरे में खड़ा किया।
स्थानीय लोगों के मुताबिक रामलीला मैदान की जमीन को लेकर है जिस पर एक भूमाफिया की नजर है। सालों से वहां रामलीला होती चली आयी है। पर अब भूमाफिया की जमीन पर नीयत खराब है। दावा किया गया है कि साल 2013 में कोर्ट ने उक्त स्थान पर रामलीला कराने का आदेश दिया था। पुलिस और भूमाफिया की मिलीभगत के चलते केवल दो दिन की अनुमति मिली। गगन अबकी बार रामलीला और भव्य कराना चाहते थे और इसके लिये काफी रुपये भी खर्च किये थे। निराला भी रामलीला कमेटी के सक्रीय सदस्य थे। लोगों ने पुलिस पर भूमाफिया का साथ देने का आरोप लगाया है।
पुलिस के मुताबिक नकाबपोश बदमाश गगन निषाद को मारने आये थे। हमलावरों ने उन्हीं को निशाना गोलियां चलायीं व बम फेंके। वहीं सब्जी खरीद रहे अखिलेश त्रिपाठी निराला की कमर में बम गा और वह बुरी तरह घायल हो गए। घटना के बाद कई थानों की पुलिस के अलावा आलाधिकारी भी मौके पर पहुंचे थे। पुलिस के मुताबिक गगन निषाद के पिता और भाई की हत्या वर्ष 2007 में की गई थी। इसमें पिंटू निषाद मुल्जिम बनाया गया था, जो फिलहाल जेल में है। घटना को अंजाम पिंटू के इशारे पर ही दिया गया है। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।
by PRASOON PANDEY