स्वयंभू शिवलिंग हैं बाबा लोकनाथ
प्रयागराज का प्रसिद्ध लोकनाथ मोहल्ला अपनी खाऊ गली में मिलने वाली रबड़ी, मलाई, लस्सी, हरी के समोसे और भारती भवन लाइब्रेरी के लिए जाना जाता है। इस मोहल्ले का नाम बाबा लोकनाथ महादेव के नाम पर रखा गया है, जिनका मंदिर भारती भवन लाइब्रेरी के पीछे स्थित है। चार पीढ़ियों से इस मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे पुजारी गौरी शंकर पाण्डेय बताते हैं कि बाबा लोकनाथ एक स्वयंभू शिवलिंग हैं। इनका उल्लेख स्कंद पुराण के रेवा खंड में “वामदेव महादेव देव-देव सुरेश्वरः, लोकनाथ पाहि-पाहि प्राणनाथ कृपाकरः।” के रूप में मिलता है। इसके अलावा, महाभारत के शांति पर्व में भी बाबा लोकनाथ का वर्णन किया गया है। सावन माह, प्रदोष और शिवरात्रि के अवसर पर बाबा लोकनाथ महादेव का विशेष पूजन होता है। संगम नगरी प्रयागराज आने वाले श्रद्धालु बाबा लोकनाथ के दर्शन के लिए अवश्य आते हैं।
मंदिर में इन देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित
बाबा लोकनाथ के पुजारी गौरी शंकर ने बताया कि नाथ संप्रदाय के मछंदरनाथ या मत्स्येंद्रनाथ ने प्रचीनकाल में यहां चतुर्मास पूरा किया था। इस मंदिर में भगवान लोकनाथ के साथ उनकी सवारी नंदी महाराज, भगवान गणेश, भवानी स्वरूप माता पार्वती और शेषनाग की प्राचीन प्रतिमाएं भी विराजमान हैं। इसके साथ ही स्थानीय भक्तों ने माता दुर्गा, हनुमान जी और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी मंदिर में स्थापित की हैं।
लोकनाथ चौराहे की होली प्रसिद्ध
उन्होंने बताया कि प्रयाग की प्रसिद्ध हस्तियां मदन मोहन मालवीय, छुन्नन गुरु, पं श्रीधर पाठक नियमित रूप से मंदिर आते थे। इसके अलावा प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी और वी.पी. सिंह ने भी बाबा लोकनाथ का दर्शन और पूजन किया था। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि के दिन निकलने वाली बाबा लोकनाथ की शिव बारात प्रयागराज की ऐतिहासिक शिव बारात है। इसके अलावा जनप्रिय नेता छुन्नगुरु के समय से होने वाली लोकनाथ चौराहे की होली खेलने और देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी ने किए बाबा लोकनाथ के दर्शन
पुजारी गौरी शंकर ने बताया कि प्रयागराज की कई प्रतिष्ठित हस्तियां, जैसे मदन मोहन मालवीय, छुन्नन गुरु और पंडित श्रीधर पाठक नियमित रूप से बाबा लोकनाथ के मंदिर में दर्शन और पूजा के लिए आते थे। यहां तक कि प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी और वी.पी. सिंह ने भी बाबा लोकनाथ का दर्शन और पूजन किया था। उन्होंने यह भी बताया कि शिवरात्रि के अवसर पर निकलने वाली बाबा लोकनाथ की शिव बारात को प्रयागराज की ऐतिहासिक शिव बारात माना जाता है। इसके साथ ही, छुन्नन गुरु के समय से चली आ रही लोकनाथ चौराहे की होली का विशेष महत्व है, जिसे देखने और खेलने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।