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प्रयागराज

यूपी के सबसे हाई प्रोफाइल हत्याकांड में सजा का ऐलान आज, छावनी बनी कचहरी

-17 साल बाद जाना पड़ा था जेल
-23 साल दो महीने 18 दिन बाद हुआ दोष सिद्ध

प्रयागराजNov 04, 2019 / 08:56 am

प्रसून पांडे

SP MLA Jawahar Pandit murder sentence announced today

यूपी के सबसे हाई प्रोफाइल हत्याकांड में सजा का ऐलान आज, छावनी बनी कचहरी

प्रयागराज। बहुचर्चित जवाहर पंडित हत्याकांड मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद करवरिया बंधुओं के खिलाफ आज जिला न्यायालय में सजा का ऐलान किया जाना है। जिसको लेकर प्रशासन बेहद सतर्क है। करवरिया बंधुओं के खिलाफ फैसला आने के बाद से ही करवरिया के समर्थक अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर कर रहे हैं। सजा के ऐलान के वक़्त कचहरी पहुंचने की अपील कर रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आज अदालत के ऐलान के समय हजारों की तादात में कचहरी में करवरिया समर्थक मौजूद रहेंगे।

कचहरी में सामान्य प्रवेश वर्जित
वही जवाहर पंडित के परिवार की नजर भी अदालत की सजा पर होगी। ऐसे में गहमागहमी का माहौल रहेगा।अदालत द्वारा सुनाई गई सजा यह तय करेगी कि दिग्गज करवरिया परिवार का राजनीतिक भविष्य क्या होगा। गौरतलब है कि करवरिया बंधुओं के खिलाफ 31 अक्टूबर को अदालत में फैसला सुनाते हुए करवरिया बंधुओं समेत चार लोगों को हत्या का दोषी करार दिया था। इसके मद्देनजर आज अदालत सजा का ऐलान करेगी। जिला प्रशासन ने कचहरी की नई बिल्डिंग में एहतियातन आम लोग के जाने पर रोक लगा दिया है । करवरिया बंधुओ को नैनी जेल से लाने और ले जाने के लिए भरी फ़ोर्स की तैनाती की गई गई है। कचहरी में इस दौरान स्थानीय पुलिस सहित पीएसी की तैनाती की गई है।

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17 साल बाद जेल गये करिवारिया

जवाहर पंडित की हत्या 13 अगस्त 1996 को शहर के सिविल लाइंस इलाके में अत्याधुनिक हथियारों द्वारा कर दी गई थी। इस मामले में 17 साल बाद सुनवाई शुरू हुई थी। जिसके बाद 1 जनवरी 2013 को पूर्व विधायक उदय भान करवरिया को को सरेंडर करना पड़ा था। जिसके बाद पूर्व सांसद कपिल मुनि ,पूर्व एमएलसी सूरज भान सहित चचेरे भाई राम चन्द्र मिश्रा उर्फ़ कल्लू महराज को जेल जाना पड़ा था। तत्कालीन विधायक रहे जवाहर पंडित के हत्याकांड के बाद भाई सुलाखी यादव द्वारा करवरिया बंधुओं को नामजद आरोपी बनाया गया था। इस मामले में लंबे समय तक कार्यवाही ना होने के चलते अदालत का फैसला आने में 23 बरस लग गए।
कब क्या हुआ 13 अगस्त 1996 को जवाहर पंडित सहित तीन की हत्या हुई थी।

14 अगस्त 1996 मृतकों का पोस्टमार्टम कराया गया था।

20 जनवरी 2014 सीबीसीआईडी ने चार्जशीट दाखिल की।

16 अगस्त 2005 हाईकोर्ट ने कपिल मुनि करवरिया सूरज भान करवरिया राम चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ मुकदमे पर रोक लगाई।
1 जनवरी 2013 को पूर्व विधायक उदय भान करवरिया करवरिया ने समर्पण किया।

28 अप्रैल 2015 को कपिल मुनि सूरजभान रामचन्द्र ने सरेंडर किया जेल भेजे गए।

18 अगस्त 2019 को सुनवाई पूरी हुई और फैसला सुरक्षित रखा गया।
31 अक्टूबर 2019 को चारों आरोपी हत्याकांड के दोषी करार दिए गए।

4 नवंबर 2019 को अदालत सजा का ऐलान करेगी।

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