कचहरी में सामान्य प्रवेश वर्जित
वही जवाहर पंडित के परिवार की नजर भी अदालत की सजा पर होगी। ऐसे में गहमागहमी का माहौल रहेगा।अदालत द्वारा सुनाई गई सजा यह तय करेगी कि दिग्गज करवरिया परिवार का राजनीतिक भविष्य क्या होगा। गौरतलब है कि करवरिया बंधुओं के खिलाफ 31 अक्टूबर को अदालत में फैसला सुनाते हुए करवरिया बंधुओं समेत चार लोगों को हत्या का दोषी करार दिया था। इसके मद्देनजर आज अदालत सजा का ऐलान करेगी। जिला प्रशासन ने कचहरी की नई बिल्डिंग में एहतियातन आम लोग के जाने पर रोक लगा दिया है । करवरिया बंधुओ को नैनी जेल से लाने और ले जाने के लिए भरी फ़ोर्स की तैनाती की गई गई है। कचहरी में इस दौरान स्थानीय पुलिस सहित पीएसी की तैनाती की गई है।
17 साल बाद जेल गये करिवारिया
जवाहर पंडित की हत्या 13 अगस्त 1996 को शहर के सिविल लाइंस इलाके में अत्याधुनिक हथियारों द्वारा कर दी गई थी। इस मामले में 17 साल बाद सुनवाई शुरू हुई थी। जिसके बाद 1 जनवरी 2013 को पूर्व विधायक उदय भान करवरिया को को सरेंडर करना पड़ा था। जिसके बाद पूर्व सांसद कपिल मुनि ,पूर्व एमएलसी सूरज भान सहित चचेरे भाई राम चन्द्र मिश्रा उर्फ़ कल्लू महराज को जेल जाना पड़ा था। तत्कालीन विधायक रहे जवाहर पंडित के हत्याकांड के बाद भाई सुलाखी यादव द्वारा करवरिया बंधुओं को नामजद आरोपी बनाया गया था। इस मामले में लंबे समय तक कार्यवाही ना होने के चलते अदालत का फैसला आने में 23 बरस लग गए।
कब क्या हुआ 13 अगस्त 1996 को जवाहर पंडित सहित तीन की हत्या हुई थी।