script5 हजार रुपए मासिक सहायता भत्ता को लेकर जूनियर वकीलों की जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाने क्यों जारी किया नोटिस | Know why Allahabad High Court issued notice on PIL | Patrika News
प्रयागराज

5 हजार रुपए मासिक सहायता भत्ता को लेकर जूनियर वकीलों की जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाने क्यों जारी किया नोटिस

याचिका में तीन साल तक प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं ने पांच हजार भत्ता मांग किया है। इसी पीआईएल की सुनवाई करते हुए जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस फैज आलम खान ने भारत संघ और यूपी बार काउंसिल समेत अन्य सभी को नोटिस जारी किया है। जनहित याचिकाकर्ता आशीष कुमार सिंह ने याचिका दायर की है। यूपी राज्य सरकार ने 2020 के अप्रैल महीने में घोषणा की थी कि जूनियर वकीलों को 5000 रुपये का मासिक वजीफा भुगतान किया जाएगा। लेकिन अब तक लागू नहीं किया गया है और कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।

प्रयागराजMar 08, 2022 / 10:58 pm

Sumit Yadav

5 हजार रुपए मासिक सहायता भत्ता को लेकर जूनियर वकीलों की जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाने क्यों जारी किया नोटिस

5 हजार रुपए मासिक सहायता भत्ता को लेकर जूनियर वकीलों की जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जाने क्यों जारी किया नोटिस

प्रयागराज: पांच हजार रुपए मासिक सहायता भत्ता को लेकर जूनियर वकीलों ने जनहित याचिका दायर किया था। इसी मामले की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ बेंच ने मंगलवार को जूनियर वकीलों के लिए उनकी प्रैक्टिस के शुरुआती दौर में उन्हें वित्तीय सहायता भत्ता वाली याचिका पर नोटिस जारी किया। याचिका में तीन साल तक प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं ने पांच हजार भत्ता मांग किया है। इसी पीआईएल की सुनवाई करते हुए जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस फैज आलम खान ने भारत संघ और यूपी बार काउंसिल समेत अन्य सभी को नोटिस जारी किया है।
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जनहित याचिकाकर्ता आशीष कुमार सिंह ने याचिका दायर की है। यूपी राज्य सरकार ने 2020 के अप्रैल महीने में घोषणा की थी कि जूनियर वकीलों को 5000 रुपये का मासिक वजीफा भुगतान किया जाएगा। लेकिन अब तक लागू नहीं किया गया है और कोई भी कदम नहीं उठाया गया है।
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याचिका में यह कहा गया है कि 2020 के अप्रैल महीने में की गई घोषणा के अनुसार निर्धारित आवेदन सहित कोई नियम नहीं बनाया है या कोई तरीका तैयार नहीं किया है। याचिका में उत्तरदाताओं की घोषणा के दो साल से अधिक समय के बाद भी वजीफा प्रदान करने में अब तक कुछ नहीं हुआ है। इसके अलावा जिम्मेदार भी कुछ नहीं बोलते हैं। याचिका में अनुरोध किया गया है कि सक्षम प्रतिवादियों को जूनियर वकीलों और वकीलों को उनके पंजीकरण की तारीख से तीन साल तक 5000 रुपये की मौद्रिक सहायता प्रदान करने के लिए निर्देश जारी किया जाए।

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