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न्याय कक्षों में सीमित संख्या में अधिवक्ता प्रवेश करेंगे। जिनके केस की सुनवाई होने वाली होगी वहीं कोर्ट रूम में जायेंगे।शेष कोविड 19 नियमों का पालन करते हुए बाहर इंतजार करेंगे। वकीलों ने भीड से बचने के लिए वर्चुअल मोड में बहस को तरजीह देने की सलाह दी गई है। सुनवाई के लिए लगे केसों को हाईकोर्ट की वेबसाइट पर देखा जा सकेगा।जिन वकीलों के केस लगे हैं केवल उन्हीं को ई -पास के जरिए प्रवेश की अनुमति दी गई है।
प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों के लिए गाइडलाइंस जारी, न्याय कक्षों में लगेगी सिर्फ 6 कुर्सी, 10 से अधिक वकील न हो शामिल
वकीलों को गाउन न पहनने की छूट दी गई है। कंप्यूटराइज नकल विभाग गेट 3ए व 3बी के पास बाहर की तरफ शिफ्ट किया गया है। शीतकालीन अवकाश के बाद नये साल में अचानक वर्चुअल सुनवाई से परेशान वकीलों ने विरोध में नारे बाजी की।और जुलूस की शक्ल में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश के न्याय कक्ष तक प्रदर्शन किया।वकीलों की परेशानी को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट प्रशासन ने सुनवाई व्यवस्था में सुधार करते हुए हाईब्रिड मोड अपनाया है। अब वर्चुअल सुनवाई के साथ साथ कोर्ट में शारीरिक रूप से उपस्थित होकर बहस की जा सकेगी।
रविवार 2जनवरी की शाम प्रशासनिक कमेटी ने कोरोना के बढ़ते खतरे को देख 3जनवरी से केवल वर्चुअल सुनवाई की व्यवस्था लागू की। कनिष्ठ अधिवक्ताओं में असमंजस की स्थिति व्याप्त हो गई। सोसल मीडिया में विरोध की खबरों के बीच परिसर में प्रवेश पर रोक के बावजूद सैकड़ों अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया।