ये भी पढ़ें- योगी सरकार के चार साल: वेस्ट यूपी से पूर्वांचल तक बिछाया जा रहा एक्सप्रेसवे का जाल 11 कंपनियों ने निर्माण में जताई है इच्छा- कुल 11 कंपनियों ने एक्सप्रेसवे निर्माण के लिए इच्छा जताई है। इनमें मलेशिया की आईजेएम कॉर्पोरेशन और दक्षिण कोरिया की इनटोपिया प्रमुख हैं। इन सभी कंपनियों को एक्सप्रेसवे निर्माण की साइट विजिट करवाई जाएगी, जिससे वह महत्ता और व्यपकता का आंकलन कर सकें। इसके उपरांत इनसे बिड मांगी जाएगी। यूपीडा इस एक्सप्रेसवे को पीपीपी मॉडल के तहत डीबीएफओटी (डिजाइन, बिड, फाइनेंस, ऑपरेट ट्रांसफर) पद्धति पर निर्माण कंपनियों का चयन करेगी।
ये भी पढ़ें- Ganga Expressway: 2 विदेशी कंपनियों समेत 11 कंपनियां गंगा एक्सप्रेस-वे निर्माण की इच्छुक फंड जुटाने की तैयारी भी शुरू-निर्माण कार्य के लिए फंड जुटाने की भी तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए वित्तीय सलाहकार कंपनी एसबीआई कैपिटल की सलाह ली जा रही है। भाजपा सरकार इस एक्सप्रेसवे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराने की तैयारी में है। सब कुछ ठीक रहा तो इसी के साथ प्रदेश सरकार दूसरी महत्वाकांक्षी परियोजना नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर का भी शिलान्यास कर सकती है। करीब 600 किमी के इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर स्टोन बाउंड्री का काम भी जल्द शुरू होना है। इस पर 401 करोड़ रुपये काे खर्च का अनुमान है।