पार्षद से कैंबिनेट मंत्री तक
कांग्रेस के प्रवक्ता अभय अवस्थी के अनुसार 1968 में सत्य प्रकाश मालवीय इलाहाबाद के अहियापुर इलाके के पार्षद चुने गए।और यहीं से उनका राजनीतिक कब बनना शुरू हुआ 1972 में इलाहाबाद शहर के महापौर निर्वाचित हुए 1974 में शहर दक्षिणी विधानसभा से विधायक चुने गए। विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। इमरजेंसी के दौरान 19 माह तक मीसा कानून के तहत लखनऊ जेल में बंद किये गये। उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में सन 1977में इलाहाबाद दक्षिणी विधानसभा से विधायक चुने गए।
देश की राजनीत में रहा बड़ा कद
जनता पार्टी की सरकार में स्वायत्त शासन और परिवहन विभाग के केबिनेट मंत्री बने।इस दौरान विधान परिषद में सदन के नेता बने 1980 में प्रदेश की राजनीत से बढ़ते हुए केंद्र की राजनीत में दस्तक दी। उस समय के प्रमुख राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए। चौधरी चरण सिंह उस के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।वर्ष 1984 में लोकदल के प्रत्याशी के तौर पर भारतीय संसद के उच्च सदन राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।जनता दल बनने के बाद उसके भी राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए ।1990 में जनता दल से एक बार फिर राज्यसभा भेजे गए। देश में बनी चंदशेखर की सरकार में पेट्रोलियम रसायन और उर्वरक मंत्री रहे।
शहर में शोक
लम्बे राजनितिक सफ़र के बाद सत्य प्रकाश मालवीय ने राजीव गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस का दामन थामा।और आजीवन कांग्रेस के ही हो कर रहे। कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनिल द्विवेदी ने कहा सत्य प्रकाश मालवीय एक सच्चे सामाजिक योद्धा की तरह लोगों की आवाज बुलंद करते रहे। बिना डरे बिना किसी दबाव में वह लोगों के लिए काम करने पर विश्वास रखते थे। उनका जाना पार्टी और देश के लिए एक बड़ी क्षति है।वही पूर्व सांसद प्रत्याशी श्याम कृष्ण पांडे ने कहा एक मिलनसार व्यक्तित्व के धनी अकाट्य वाक्पटुता समाज सुधारक राजनीतिक विचारक क्या जाना राजनीति के क्षेत्र में बड़ा नुकसान है।
पैतृक शहर में होगी अन्त्योष्ठी
पूर्व केंद्रीय मंत्री का पार्थिव शारीर दिल्ली से रविवार की देर शाम तक उनके पैत्रिक शहर इलाहाबाद लाया जायेगा।जहाँ उनके चाहने वाले समर्थक और रिश्तेदार उनका अंतिम दर्शन कर सकेंगे।परिवार के सदस्यों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की सुबह उनकी अन्त्योष्ठी रसूलाबाद घाट पर की जायेगी।