दरअसल बीते 10 दिसंबर से प्रदेश भर के लेखपाल ग्रेड पे बढ़ाए जाने वेतन विसंगति और साइकिल भत्ता के बजाय बाइक भत्ता दिए जाने सहित अपनी 8 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर थे। इस हड़ताल में प्रदेश भर के 23000 से ज्यादा लेखपाल पूरी तरह से कामकाज ठप कर धरने पर बैठ गए थे। हड़ताली लेखपालों ने 26 दिसंबर तक हड़ताल जारी रखने और 27 दिसंबर को लखनऊ में विधानसभा के घेराव का ऐलान किया था। लेकिन इस बीच नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मचे बवाल के बाद प्रशासन ने लेखपालों को हड़ताल समाप्त करने का आदेश दिया था।
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लेकिन प्रशासनिक आदेश के बावजूद भी जिले में 10 लेखपालों ने हड़ताल समाप्त नहीं किया। हड़ताल समाप्त करने पर पहले कर्मचारियों पर एस्मा की कार्यवाही की गई और हड़ताल समाप्त न करने पर कार्यकारिणी के 10 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था। लेकिन उसके बावजूद भी हड़ताल खत्म न होने पर जिलाधिकारी में सख्त कार्यवाही करते हुए सेवा समाप्त करने की संस्तुति कर दी है। जिसके बाद से लेखपाल संघ में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि जिलाधिकारी के सख्त रवैये को देखते हुए नहीं लग रहा है कि वह अपने आदेश को वापस लेंगे या इन हड़ताली लेखपालों के साथ किसी तरीके की मुर्रवत की जाएगी। सबकी नजर लेखपाल संघ की अगली रणनीत पर है ।