यह काफिला गुजरात से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज तक लगभग 1300 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। उसे उमेश पाल अपहरण मामले में 28 मार्च को कोर्ट में पेश किया जाना है। अतीक के भाई को भी बरेली की जेल से लाकर प्रयागराज में कोर्ट में पेश किया जाना है।
वकीलों का कहना है कि इस मामले में माफिया अतीक अहमद को अधिकतम फांसी या आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद और अशरफ को सजा होती है तो यह किसी पहले मामले में सजा होगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो माह में 16 मार्च 2023 तक केस की सुनवाई पूरा करने का आदेश दिया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन ने 8 गवाह पेश किए। खास बात यह रही कि उमेश पाल अपहरण में 8 अभियुक्त वही हैं जो कि राजूपाल मर्डर केस में भी अभियुक्त थे।
इस धारा के अनुसार, जो कोई भी किसी व्यक्ति का अपहरण करता है या इस प्रकार के अपहरण के बाद किसी व्यक्ति को हिरासत में रखता है और ऐसे व्यक्ति को मौत या चोट पहुंचाने की धमकी देता है, या उसके आचरण से एक उचित आशंका पैदा होती है कि ऐसे व्यक्ति को मौत या चोट पहुंचाई जा सकती है, या सरकार या किसी विदेशी राज्य या अंतरराष्ट्रीय अंतर-सरकारी संगठन या किसी अन्य व्यक्ति को किसी भी कार्य को करने या फिरौती देने के लिए विवश करने के लिए ऐसे व्यक्ति को चौट या मृत्यु का कारण बनता है, मौत की सजा या कारावास जीवन और जुर्माना के लिए भी उत्तरदायी होगा।