कैसी होती है हाई सिक्योरिटी बैरक?
हाई सिक्योरिटी बैरक और साधारण बैरक में क्या फर्क होता है? इस तरह के हाईप्रोफाइल कैदियों को क्यों इन बैरकों में रखा जाता है। जेल के अंदर बैरक किस तरह की होती हैं इसको समझने के लिए हमने उत्तर प्रदेश के एक पुलिस अफसर से बात की। जिनका नाम उनकी दरख्वास्त पर हमने छुपा लिया है। हम जो आपको बताने जा रहे हैं वो इनसे बातचीत पर ही आधारित है। सबसे पहले बैरक होती कैसी है।
फिल्मों जैसी नहीं होती हैं जेल
किसी भी मामले में जब कोई जेल जाता है तो कुछ दिन मुलाहजा बैरक में रहने के बाद जेल प्रशासन एंट्री उसे एक बैरक अलॉट करता है। आमतौर पर फिल्मों में दिखाया जाता है कि एक लाइन में बहुत सी बैरक बनी होती हैं और हर बैरक में एक कैदी होता है। हकीकत में जेलों में ऐसा नहीं है। जेलों में कैदियों की संख्या को देखते हुए ये मुमकिन ही नहीं है कि हर कैदी को अलग रखा जाए।
आम बैरक कैसी होती है?
जेल की आम बैरक किसी बड़े बरामदे आयताकार (रेक्टेंगल) की तरह होती है। इसमें दोनों तरफ गद्दे और चटाई डालकर कैदी रहते हैं। इनमें कोई खिड़की नहीं होती है और कैदी दीवारों पर अपने थैले टांगे रखते हैं। बैरक के कोने में एक छोटा बाथरूम होता है। एक बैरक में 50 से 150 तक कैदी रहते हैं।
अब बात तन्हाई बैरक की, ये आम बैरक से कैसे अलग होती है?
आम बैरक के बाद अब तन्हाई बैरक या हाई सिक्योरिटी बैरक की बात कर लेते हैं। जैसा कि हमने आपको बताया कि जेलों में 2 तरह की बैरकें होती हैं। एक आम बैरक जिसकी बात हम कर चुके और दूसरी हाई सिक्योरिटी तन्हाई बैरक।
सिक्योरिटी रहती है बहुत टाइट
इसके अलावा तन्हाई बैरक में सिक्योरिटी भी बहुत ज्यादा रहती है। तन्हाई बैरक से बाहर निकलने पर ही कैदी को बंदी रक्षक को बताना पड़ता है कि वो बाहर क्यों आ रहा है? अगर कोई माकूल वजह नहीं होती तो पहरेदार उसे वापस जाने के लिए कह देते हैं।
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तन्हाई बैरक के कैदी से जेल में मिलने आने वाले लोगों पर भी जेल प्रशासन की खास निगाह रहती है। तन्हाई बैरक के कैदी को खास रिश्तेदारों से ही मिलने की इजाजत दी जाती है। ये लोग अब जेल में भी दूसरे कैदियों से भी नहीं मिल सकते हैं।