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प्रयागराज

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार व सचिव से दो हफ्ते में मांगा जवाब, जानिए वजह

यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने राम लखन सिंह शिक्षण संस्थान की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता सौरभ वसु ने बहस की। याची का कहना है कि स्थानीय विधायक ने 25 जून 22को तकनीकी शिक्षा मंत्री को शिकायत की कि याची ने फर्जी तरीके से विद्यालय की मान्यता प्राप्त की है।मंत्री ने मुख्य सचिव को जांच कराने का निर्देश दिया।जिसपर जिलाधिकारी जौनपुर को जांच करने का आदेश दिया गया।

प्रयागराजJul 01, 2022 / 01:45 pm

Sumit Yadav

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार व सचिव से दो हफ्ते में मांगा जवाब, जानिए वजह

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार व सचिव से दो हफ्ते में मांगा जवाब, जानिए वजह

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सचिव तकनीकी शिक्षा बोर्ड व जिलाधिकारी जौनपुर को राम लखन सिंह शिक्षण संस्थान बदलापुर में शांति पूर्ण तरीके से फार्मेसी डिप्लोमा परीक्षा सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।कोर्ट ने स्थानीय विधायक रमेश चंद्र मिश्र की शिकायत पर तीन दिन की कार्यवाही बिना नोटिस दिए याची का परीक्षा केंद्र निरस्त करने के सचिव के आदेश पर रोक लगा दी है। और दो हफ्ते में राज्य सरकार व बोर्ड से जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 27जुलाई को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने राम लखन सिंह शिक्षण संस्थान की याचिका पर दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता सौरभ वसु ने बहस की। याची का कहना है कि स्थानीय विधायक ने 25 जून 22को तकनीकी शिक्षा मंत्री को शिकायत की कि याची ने फर्जी तरीके से विद्यालय की मान्यता प्राप्त की है।मंत्री ने मुख्य सचिव को जांच कराने का निर्देश दिया।जिसपर जिलाधिकारी जौनपुर को जांच करने का आदेश दिया गया।
जिलाधिकारी,एडीएम वित्त एवं राजस्व जौनपुर व एस डी एम बदलापुर ने 27जून को रिपोर्ट दी।याची संस्था को कारण बताओ नोटिस नहीं दी गई। रिपोर्ट से साफ है कि जांच चल रही है। फर्जी तरीके से मान्यता प्राप्त करने के आरोप की पुष्टि नहीं हुई है। तकनीकी शिक्षा बोर्ड के सचिव ने इन लाइन बैठक कर 28जून के आदेश से याची का परीक्षा केंद्र निरस्त कर चार अन्य कालेजों को दे दिया।जिसे चुनौती दी गई है।
याची का कहना है कि याची संस्था को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। उत्तर पुस्तिका वह प्रवेश पत्र भी आ गये थे। अचानक बिना ठोस आधार के विधायक के हस्तक्षेप से परीक्षा केंद्र निरस्त करना गैर कानूनी है। नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लघंन किया गया है।
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कोर्ट ने कहा कि याची को ब्लैक लिस्ट करना तथ्य का प्रश्न है न कि कानूनी।जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती केवल शिकायत पर केंद्र निरस्त करना सही नहीं है।विधायक की शिकायत पर तीन दिन में बिना जांच किए केंद्र निरस्त करना सही नहीं।याची को कारण बताओ नोटिस दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा है कि अंतरिम आदेश चल रही जांच में बाधा नहीं है।उसे पूरी की जाय।

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