इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि वह एक ‘युवा’ वकील है। कोर्ट ने टिप्पणी की, अधिवक्ता संदीप बिना गाउन के कोर्ट में पेश हुए, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि संदीप एक युवा वकील हैं, हम मामले को बार काउंसिल को भी भेज सकते हैं, लेकिन हम इस मामले को इस मंच पर नहीं भेज रहे हैं।
पिछले महीने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्चुअल सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील के पूरी पोशाक में न होने के कारण कैमरा ऑन करने से इनकार करने पर जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी। जस्टिस समित गोपाल की खंडपीठ ने इसे ‘आपत्तिजनक’ बताया था और मामले को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था।
वकील जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई में शामिल हुआ तो उसका कैमरा बंद था। जब वकील को अपना कैमरा चालू करने का निर्देश दिया गया तो उसने कहा कि वह पोशाक में नहीं हैं, इसलिए वह कैमरे को ऑन नहीं कर सकता।
इस पर कोर्ट ने इसे आपत्तिजनक बताते हुए राज्य के वकील की मौजूदगी दर्ज कर मामले को स्थगित कर दिया। पिछले साल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक वकील को फटकार लगाई थी, जो वीसी मोड के माध्यम से एक अन्य व्यक्ति के साथ पेश हुआ था। उक्त व्यक्ति स्क्रीन ***** बिना शर्ट के” दिखाई दे रहा था। पिछले साल ही, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक वकील के कृत्य को ‘अस्वीकार्य’ करार दिया था, जो अदालत द्वारा जमानत अर्जी में आदेश सुनाने के दौरान खुद को तैयार करने की कोशिश कर रहा था।