अलीगढ़। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया का कहना है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) अल्पसंख्यक संस्थान नहीं है। इसलिए एएमयू में प्रवेश के लिए दलितों और पिछड़ों को आरक्षण दिया जाए।
उपकुलपति को बुलाकर पूछे सवाल आयोग के अध्यक्ष ने एएमयू के उपकुलपति तबस्सुम सहाब के साथ सर्किट हाउस में दलितों व पिछड़ों के आरक्षण को लेकर बैठक की। इस दौरान आयोग के अध्यक्ष ने पूछा कि एएमयू में दलितों व पिछड़ों को आरक्षण के आधार पर दाखिला क्यों नहीं किया जा रहा है? आयोग ने पूछा कि 2005 में एएमयू के आरक्षण का मामला सुप्रीम कोर्ट में आया तो उससे पहले आरक्षण को लागू क्यों नहीं किया गया? इस सवालों के जवाब एएमयू प्रशासन नहीं दे सका। एएमयू ने 1981 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से अल्पसंख्यक स्वरूप घोषित करने की मांग की थी। इसके बाद एएमयू सुप्रीम कोर्ट गया, लेकिन अल्पसंख्यक स्वरूप के मामले में कोई राहत नहीं मिली। 1990 में भी एएमयू के विजिटर राष्ट्रपति द्वारा 50 प्रतिशत मुस्लिम छात्रों के एडमिशन का प्रस्ताव भी निरस्त किया जा चुका है। एएमयू प्रशासन ने जबाव देने के लिए एक महीने का समय मांगा है। एससी एसटी आयोग को एएमयू विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई डाक्यूमेंट उपलब्ध नहीं कराए हैं।
इसलिए लागू होना चाहिए आरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. रामशंकर कठेरिया ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से कहा कि एएमयू अल्पसंख्यक विश्वविद्यालय नहीं है। इस संदर्भ में एएमयू की तरफ से कोई डाक्यूमेंट उपलब्ध नहीं कराया जा सका है। सन् 2005 में मेडिकल में 50 प्रतिशत मुस्लिम आरक्षण लागू किया था, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर इस पर भी रोक लग गई थी। आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि देश के सभी केन्द्रीय विद्यालय एक एक्ट से बने हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के तहत विश्वविदायालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों से केन्द्रीय विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसलिए एएमयू में दलितों व पिछड़ों का आरक्षण लागू होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट में आयोग बनेगा पार्टी आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि देश भर के केन्द्रीय विश्वविद्यालय आरक्षण का लाभ दे रहे हैं। एएमयू संवैधानिक अधिकारों का पालन नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि दलितों व पिछड़ों के आरक्षण के मुद्दे पर एएमयू प्रशासन को दो बार पहले भी बुलाया गया था, लेकिन एएमयू की तरफ से कोई नहीं आया। सुप्रीम कोर्ट से जब तक डिसीजन नहीं आता है तो एएमयू को दलितों को आरक्षण देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आयोग आरक्षण के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब पार्टी बनने जा रही है। एक सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट में एससी एसटी आयोग अपना पक्ष रखेगा।
मायावती को सलाह एएमयू में आरक्षण ते मुद्दे पर मायावती के प्रेस वार्ता करने पर कहा कि मायावती दलितों की सच्ची हितैषी हैं, तो एएमयू में दलितों के आरक्षण की लड़ाई आगे आकर लड़ें। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर मायावती नेतृत्व करें। हम उनके पीछे चलेंगे, लेकिन ये हिम्मत उनके अंदर होनी चाहिए कि दलितों की लड़ाई लड़ेंगी।
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