कुल मसाला फसलों का 1.4 मिलियन टन निर्यात
राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र तबीजी में मसाला फसलों के उत्पादन, गुणवत्ता सुधार एवं पेस्टीसाइड व फसलों में कीट व्याधि को कम करने को लेकर नए-नए अनुसंधान चल रहे हैं। प्रमुख मसाला फसलों के उत्पादन और देश में जीरे के उत्पादन में राजस्थान अव्वल है। पश्चिमी राजस्थान के जीरे की क्वालिटी बेहतर होने से डिमांड लगातार बढ़ रही है।
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दुनिया का 60% मसालों का प्रोडक्शन भारत में
केन्द्र विशेषज्ञों के अनुसार दुनिया में मसालों के प्रोडक्शन में भारत की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है। इनमें से 70 प्रतिशत निर्यात करता है। मसाला उत्पादन में राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश ही प्रमुख राज्य है। देश में करीब 2 मिलियन हैक्टेयर एरिया में जीरे का उत्पादन हो रहा है।
प्रोसेसिंग यूनिट बढ़े तो किसानों की आय होगी दोगुना
राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र किसानों को प्रोसेसिंग यूनिट के लिए भी प्रेरित कर रहा है, ताकि किसान जीरे बीज के साथ इससे अन्य प्रोडक्ट बनाकर, इसके ऑयल से भी आय दोगुनी कर सकता है। केन्द्र की ओर से अब प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए भी सहयोग किया जा रहा है।
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किस देश से जीरे की कितनी आय
190 करोड़ रुपए यूएई से
1115 करोड़ नेपाल से
120 करोड़ इजिप्ट से
इनका कहना है…
मसाला फसलों में देश दुनिया की डिमांड को पूरा कर रहा है। दुनिया में जीरे की 80 फीसदी डिमांड को भारत पूरी कर रहा है। इसमें राजस्थान का हिस्सा करीब 50 फीसदी है। राजस्थान के जीरे की क्वालिटी अच्छी है। किसानों को मसाला फसलों के अन्य प्रोडक्ट बनाने, प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
डॉ. विनय भारद्वाज, निदेशक, राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र, तबीजी अजमेर