दिव्यांगों को अब मिल सकेगा रोजगार विशेष आवश्यकता वाले (दिव्यांग) किशोरों व युवकों को गार्डनिंग का प्रशिक्षण एवं स्किल डवलपमेंट के बाद इनके लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। गार्डनिंग में इन बच्चों का भविष्य बेहतर हो सकता है।
गार्डनिंग (Gardning)से पर्यावरण को संवारने का सपना किशनगढ़ के चूंदड़ी निवासी युवक ने कहा कि शारीरिक रूप से अपंगता और एक हाथ के चलते कोई रोजगार उपलब्ध नहीं हो रहा था। मगर गार्डनिंग के प्रशिक्षण से रोजगार की उम्मीद जगी है। गार्डनिंग से पर्यावरण को संवारने का सपना तो पूरा होगा ही घर-परिवार के लिए कुछ कमा सकूंगा, किसी पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा।
समाज की मुख्य धारा में लाना मकसद राजस्थान महिला कल्याण मंडल के निदेशक राकेश कौशिक व मुख्य कार्यकारी निदेशक क्षमा काकड़े कौशिक के अनुसार समाज की 10 प्रतिशत आबादी विशेष आवश्यकता वालों की है, इन्हें समाज की मुख्य धारा में जोडऩे के लिए यह नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ऐसे युवक-किशोरों की एक महीने की इन्टर्नशिप भी खास होटलों, रिसोर्ट में नि:शुल्क होगी। इसके बाद कुछ संस्थानों, होटलों, रिसोर्ट में इन्हें रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा। 10 से 15 हजार रुपए तक की नौकरी इन्हें मिल सकेगी।
एक कॉल करें और गार्डनर बुलवाएं कार्यकारी निदेशक क्षमा काकड़े के अनुसार अगर किसी को भी गार्डनर की जरूरत हो संस्थान में कॉल कर सकते हैं. उन्हें गार्डनर उपलब्ध करवाया जाएगा। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को रोजगार के लिए यह सुविधा उपलब्ध रहेगी ताकि ये किशोर-युवक समाज की मुख्या धारा से जुड़ सकें।