यह अजमेर शहर में अपनी तरह का पहला ऐप है जो महिलाओं को सुरक्षित मार्ग नेविगेशन प्रदान करता है। ऐप को एक महिला सुरक्षा ऐप के रूप में लॉन्च किया गया है जो अजमेर शहर में महिलाओं को किसी भी आपात स्थिति के मामले में अपने परिवार/रिश्तेदारों/दोस्तों को संकट कॉल और एसएमएस भेजने और मदद मांगने की अनुमति देता है।
ऐप को दो साल के गहन शोध के बाद बनाया गया है| इस ऐप में महिलाओं के खिलाफ अपराध के लगभग 2 दशक के आंकड़े भी शामिल है जो क्राइम ब्रांच द्वारा कुंवर राष्ट्रदीप ने उपलब्ध कराया | प्रोफेसर मोनिका कन्नन ने इस सहयोग के लिए पुलिस प्रशासन का धन्यवाद ज्ञापित किया|COVID-19 महामारी के कारण ऐप के लॉन्च में देरी हुई है।
भारत भर में महिलाएं हिंसा और उत्पीड़न के अधीन हैं वर्तमान में राजस्थान महिला शोषण में प्रथम स्थान पर है, जो उन्नति और सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा के अवसरों तक उनकी पहुंच को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के 5वें दौर के अनुसार, भारत में 15-49 वर्ष की आयु के बीच की 30% महिलाओं ने शारीरिक, यौन या घरेलू हिंसा का अनुभव किया है। महिलाओं का बचाव और सुरक्षा भारत में केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।
एप्लिकेशन को मेजर प्रोजेक्ट के परिणाम के रूप में विकसित किया गया है ‘Impact of Geographical Space and Urban Transformation on Woman in Society: A Study of Ajmer City (Rajasthan)’ प्रो मोनिका कन्नन द्वारा संचालित और Indian Council of Social Science Research (ICSSR), शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित।
बहुत जल्द ऐप किसी भी एंड्रॉइड मोबाइल फोन पर Google Playstore से आसानी से डाउनलोड और इंस्टॉल किया जा सकेगा। पंजीकरण प्रक्रिया बहुत सरल है। उपयोगकर्ता मूल विवरण और एक आपातकालीन मोबाइल फोन नंबर प्रदान करके पंजीकरण कर सकता है।
सतर्क-महिला सुरक्षा ऐप विभिन्न रंग योजनाओं की मदद से उपयोगकर्ता की पसंद और चयन के अनुसार किसी भी गंतव्य तक पहुंचने के लिए सुरक्षित मार्गों का सीमांकन करने में मदद करता है। ऐप में एक पैनिक बटन का प्रावधान है, जिसे दबाने पर पीड़िता की तत्काल स्थिति उसके परिवार, दोस्तों या रिश्तेदारों को आपातकालीन नंबर के आधार पर सहायता प्राप्त करने के लिए भेज दी जाती है।
ऐप न केवल शहर में सुरक्षित परिवहन और आवागमन प्रदान करता है बल्कि आगे के अनुसंधान और जांच के लिए अपंजीकृत अपराध डेटा सेट के निर्माण में भी योगदान देता है। प्रोफेसर मोनिका कन्नन को कृषि गत बैंकिंग में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता एवं प्रशिक्षण केंद्र (भारत सरकार) द्वारा भी प्रशंसा पत्र दिया गया |