scriptविवि के कुलपति ने शिक्षा के क्षेत्र में राजनीतिक सम्बंधों को लेकर दिया बड़ा बयान | University's vice chancellor gave big comment on political relations | Patrika News
अजमेर

विवि के कुलपति ने शिक्षा के क्षेत्र में राजनीतिक सम्बंधों को लेकर दिया बड़ा बयान

कुलपति बनने के पीछे मानते हैं अपनी मेहनत और काबिलियत को वजह, सालों से प्रतिदिन करते हैं 5 किमी जॉगिंग

अजमेरJun 05, 2016 / 12:24 pm

Prof. Kailash sodani

Prof. Kailash sodani

शिक्षा के क्षेत्र में योग्य व्यक्ति ही सफल हो पाते हैं। राजनीतिक संबंध होने से लोगों में इस प्रकार की धारणा बन जाती है और एेसे में व्यक्ति की मेहनत व प्रयासों को भुलाकर राजनीतिक संबंधों को उसकी सफलता का श्रेय दे दिया जाता है। महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडानी ने अपनी सफलता के पीछे राजनीतिक सम्बंधों की बजाय योग्यता को मुख्य वजह बताते हैं। 
सोडानी ने बताया कि वे वर्ष 2001 में प्रोफेसर बने थे और वर्ष 2014 में उन्हें कुलपति बनाया गया। कुलपति बनने के लिए आवश्यक 10 वर्ष की प्रोफेसरशिप पूरी करने के बाद उन्हे ये पद सौंपा गया। प्रोफेसर के साथ-साथ विवि से जुड़ी अन्य कई गतिविधियों में शामिल होने व उनकी जानकारी होने के कारण उन्हें यह पद मिला।
वर्ष 1955 में भीलवाड़ा के निकट रायला गांव में जन्मे प्रो. सोडानी लम्बे समय तक प्रोफेसर व उसके बाद लगभग दो वर्षों से मदस विवि के कुलपति जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन हैं। उन्होंने मदस विवि को नए आयामों तक पहुंचाया है। प्रो. सोडानी का मानना है कि आत्मविश्वास से ही श्रेष्ठ मुकाम तक पहुंचा जा सकता है।
स्वाध्याय और खेलकूद जरूरी

छोटे से गांव से निकलकर अहम पद तक पहुंचने वाले सोडानी पुस्तक व अखबारों को सफलता का सूत्रमानते हैं। प्रो. सोडानी अपने छात्र जीवन के दौरान प्रतिदन शाम 7 से रात 10 बजे तक का समय पुस्तकालय (लाइब्रेरी) में बिताया करते थे। साथ ही खेलकूद व शारीरिक गतिविधियों को भी जीवन में महत्वपूर्ण स्थान देते हैं। सोडानी का मानना है कि सिर्फ ओलम्पिक में पदक लेने के लिए ही नहीं, खुद के स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए भी खेलकूद आवश्यक है।
वालीबॉल व हॉकी में रुचि

शारीरिक गतिविधि को आवश्यक मानते हुए प्रो. सोडानी प्रतिदिन 5 किमी पैदल चलते हैं। वर्षों से प्रो. सोडानी ने यह नियम बना रखा है। इसके अतिरिक्त वालीबॉल व हॉकी के भी काफी शौकीन हैं। स्कूल-कॉलेज के दिनों में प्रो. सोडानी वॉलीबॉल की अपनी घरेलू टीम का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं। साथ ही प्रोफेसर बनने के बाद भी मोहनलाल सुखाडि़या विवि उदयपुर की ओर से कुलपति वालीबॉल प्रतियोगिता में भी भाग ले चुके हैं। प्रो. सोडानी का मानना है कि युवा पीढ़ी को इंटरनेट से बाहर निकलकर शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए।
रह चुके हैं राज्य के सर्वश्रेष्ठ डिबेटर

आमतौर पर शांत रहने वाले प्रो. सोडानी अपने कॉलेज के दिनों में प्रदेश के बेहतरीन डिबेटर रह चुके हैं। वर्ष 1974 से 1976 तक प्रो. सोडानी का बहस में कोई सानी नही रहा। बचपन से ही पढ़ाई में तेज रहे प्रो. सोडानी छात्र राजनीति में भी सक्रिय रहे। साथ ही प्रो. सोडानी को पेड़-पौधे लगाने व घूमने-फिरने का भी काफी शौक है। प्रो. सोडानी के इस शौक का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होने अपने छात्र जीवन में भी भारत भ्रमण कर लिया था। विभिन्न राष्ट्रों में अन्तरराष्ट्रीय सेमीनार व संगोष्ठी में हिस्सा ले चुके प्रो. सोडानी विदेश के मुकाबले भारत में स्वंय-अनुशासन की कमी मानते हैं।
बेटियों पर है गर्व

प्रो. सोडानी के दो पुत्रियां हैं, जिनमें से एक डॉक्टर व एक इंजीनियर है। सोडानी बेटियों का होना फक्र की बात मानते हैं। उनका मानना है कि दो बेटियां होना उनके जीवन का सबसे सुखद पहलू है। बेटियों के प्रति इसी प्रकार की भावना रखने की सलाह वे सबको देते हैं। प्रो. सोडानी हमेशा काम करते रहने की सलाह देते हैं। इसका प्रमाण हाल ही में देखने को मिला जब गत माह प्रो. सोडानी को दिल का दौरा पडऩे के बाद डॉक्टर द्वारा आराम की सलाह के बावजूद उन्होंने अपने आवास पर अपना दफ्तर बरकरार रखा।
शिक्षा के नाम पर दिखावा ज्यादा

हमारे यहां शिक्षा, सेमीनार व संगोष्ठी में ज्ञानवर्धन की बजाय दिखावा ज्यादा होता है। विकसित देशों के मुकाबले हमारे देश में स्वंय-अनुशासन की काफी कमी है। सोडानी मानते हैं कि हमारे यहां शिक्षक व छात्रों का ध्यान शिक्षा की बजाय नेताओं,अतिथियों व विशेष हस्तियों को रिझाने में ज्यादा होता है।
फिल्म-संगीत में नहीं रुचि

बचपन से ही पढ़ाई के प्रति गम्भीर रहने वाले प्रो. सोडानी की संगीत व फिल्मों में रुचि नही है। उन्होनंे बताया कि संगीत से उनका बिलकुल भी लगाव नहीं। वहीं फिल्मों का भी उन्हे विशेष शौक नहीं। सोडानी को अपनी मित्र-मंडली अथवा राजनीति में रुचि रखने वाले सार्थियों के साथ राजनीतिक चर्चा व समीक्षा करने का काफी शौक है। वे जब भी समय मिलता है तो अपने साथियों के साथ बैठकर राजनीतिक चर्चा करते हैं।

Hindi News / Ajmer / विवि के कुलपति ने शिक्षा के क्षेत्र में राजनीतिक सम्बंधों को लेकर दिया बड़ा बयान

ट्रेंडिंग वीडियो