पार्र्किंग नहीं होना व नियमों की अवहेलना करने के कारण अब यह समस्या पुलिस व प्रशासन के लिए नासूर बन चुकी है। शहर की लाइफ लाइन स्टेशन रोड पर रोजाना जाम लगना आम बात हो गई है। मार्टिंडल ब्रिज से बजरंगगढ़ चौराहे का मात्र तीन से साढ़े तीन किलोमीटर का रास्ता पूरा करने में 30 से 45 मिनट लगते हैं।
इसी प्रकार कमोबेश कचहरी रोड का भी यही हाल है। यहां भी सडक़ के दोनों ओर 20 से 25 फीट का अतिक्रमण वाहनों व अन्य कारणों से रहता है जिससे यहां भी मिनट-मिनट में जाम के हालात बन जाते हैं। जाम की स्थिति त्योहार बीत जाने के बाद भी ज्यों की त्यों बनी हुई है।
अजमेर का 50 प्रतिशत से अधिक यातायात स्टेशन रोड व कचहरी रोड के रास्ते गुजरता है। यहां मुख्य बाजार होने के कारण शहरवासियों के साथ दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाले लोगों की भी मुख्य डाक घर, सब्जी मंडी, पड़ाव, चूड़ी बाजार, सर्राफा बाजार आदि में आवाजाही लगी रहती है।
नियमों की पालना नहीं, प्रयोग भी नाकाफी
यातायात पुलिस ने शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए वन-वे व्यवस्था की थी। इसके तहत केसर गंज व मार्टिंडल ब्रिज से पहले कहीं भी यू टर्न नहीं देकर बिना ट्रेफिक सिग्नल पर रुके थ्रू ट्रेफिक की सुविधा दी थी। इसके लिए बेडिकेड्स लगा कर अस्थायी डिवाइडर बनाए गए लेकिन लोग उन्हें सहूलियत अनुसार हटा देते हैं। यातायात सिपाही भी उन्हें वापस नहीं लगाते। गांधी भवन चौराहे पर तो हालात यह हैं कि लाल बत्ती होने के बावजूद यातायात सिपाही की मौजूदगी में वाहन गुजरते रहते हैं लोग नियमों की खुले आम अनदेखी कर रहे हैं।
यह हैं जाम के पॉइंट
1- जाम की समस्या स्टेशन रोड पर मार्टिंडल ब्रिज से ही शुरू हो जाती है। यहां ब्यावर रोड से आने वाले वाहन के यू टर्न लेकर मार्टिंडल ब्रिज चढऩे के दौरान जाम लग जाता है वाहन के मुडऩे के दौरान दोनों ओर वाहनों की कतारें लग जाती हैं। इसका असर बजरंगगढ़ चौराहे तक रहता है।
2- केसरगंज बाटा तिराहे पर गोल चक्कर से आने वाले वाहन को मार्टिंडल ब्रिज की ओर मुडऩा होता है इस दौरान भी यहां जाम लग जाता है। इस बीच स्टेशन की तरफ से आने वाले वाहन को गोल चक्कर जाना है तो वह भी यहां जाम में फंसता है। तब भी पीछे वाहनों का रैला लग जाता है।
3- इससे कुछ आगे ही माल गोदाम या केईएम के सामने डिवाइडर को मोड़ दिया जाता है जिससे स्टेशन से आने वाले वाहन खासकर निजी व लोक परिवहन के टेंपो आदि यहीं से यू- टर्न ले लेते हैं जबकि उन्हें मार्टिंडल ब्रिज के नीचे बने तिराहे से घूमकर आना चाहिए। यही वजह है वाहनों का रैला क्लॉक टावर चौराहे तक पहुंच जाता है।
4- गांधी भवन चौराहे पर रेलवे स्टेशन की पार्र्किंग होने के कारण यहां निकलने वाले वाहन कचहरी रोड व पीआर मार्ग से आने वाले वाहनों के आमने-सामने हो जाते हैं जिससे भी यहां जाम लग जाता है।
5- चूड़ी बाजार तिराहे पर मार्ग संकरा होने व सडक़ के किनारे वाहनों व ठेलों के जमावड़े के कारण जाम लगना रोजाना की बात होती है।
6- आगरा गेट चौराहे का व्यास कम होने से यहां चारों ओर से आने वाले वाहन रोज जाम में फंसते हैं। जयपुर रोड, आगरा गेट सब्जी मंडी, फव्वारा सर्किल व पीआर मार्ग के वाहनों की आवाजाही यहां रोजाना जाम होती है।
7- गंज या फव्वारा सर्किल पर दरगाह व पुष्कर तथा ऋषि घाटी संपर्क सडक़ से आने वाले यातायात के चलते यहां जाम रोज लगता है। कई बार वाहन टकराने के बाद विवाद की स्थिति भी बन जाती है।