जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में सोमवार को आपातकालीन इकाई के बाहर डेगाना से रैफर होकर आए मरीज अशोक पुत्र चैनाराम (18) की रास्ते में ही मृत्यु हो गई। वाहन से उतारकर पिता बेटे को गोद में लेकर बैठा था। ट्रॉली लेकर आए वार्ड बॉय व गार्ड की मदद से युवक को ट्रॉली पर लिटाया। हालांकि इससे पहले ही युवक ने दम तोड़ दिया। आपातकालीन इकाई में चिकित्सकों ने ब्रॉडडेड घोषित कर दिया। परिजन के अनुसार उसे सांस आने में दिक्कत थी, टीबी रोग विभाग में भी इलाज चला था।
चिकित्सकों ने मृतक के शव को मोर्चरी में भिजवा दिया। लेकिन जब पिता को पता चला कि पोस्टमार्टम होगा तो उसने बीच रास्ते ट्रॉली रोक हाथ जोड़ लिए… बोला… मुझे बेटे का शव बिना पोस्टमार्टम चाहिए। चीर-फाड़ नहीं होनी चाहिए। बाद में बामुश्किल समझाया कि निर्धारित प्रक्रिया व डेगाना पुलिस के आने पर शव सौंप दिया जाएगा, तब पिता सहमत हुए।