चुनाव लडऩे के इच्छुक छात्र-छात्राओं ने टिकट (ticket)के लिए भागदौड़ शुरू कर दी है। एबीवीपी और एनएसयूआई के पदाधिकारियों से मेल-मुलाकात (meet leaders) जारी है। कई छात्र-छात्राओं के नाम कांग्रेस (congress) के मंत्रियों (ministers)-विधायकों (MLA)और भाजपा (bjp) के विधायकों-नेताओं तक पहुंच रहे हैं। इनके अलावा ब्राह्मण, राजपूत, जाट, मीणा एवं अन्य छात्र संगठनों से जुड़े विद्यार्थी भी शामिल हैं। मालूम हो कि छात्रसंघ चुनाव में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव पद के लिए प्रत्याशियों की घोषणा होगी।
विद्यार्थी परिषद सहित एनएसयूआई की नजरें सर्वाधिक विद्यार्थियों वाले सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय (SPC-GCA) और महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) पर ज्यादा टिकी है। विश्वविद्यालय में शुभम चौधरी, दिनेश चौधरी और अन्य दावेदारोंके नाम सामने आ रहे हैं। एसपीसी-जीसीए, दयानंद कॉलेज ,लॉ कॉलेज में टिकट पाने की जुगत में है।
चुनाव प्रत्याशी चुनने के लिए एनएसयूआई और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारियों की बैठक जारी है। कांग्रेस और भाजपा के विधायक और नेता (leaders) भी सक्रिय हैं। एनएसयूआई, विद्यार्थी परिषद और अन्य छात्र संगठन अपने चुनावी पत्ते 19 अगस्त को नामांकन सूची जारी होने के बाद ही खोलेंगे। अलबत्ता उन्होंने कॉलेज और विश्वविद्यालय से चुनाव लडऩे वाले छात्र-छात्राओं के बारे में फीडबैक लेना शुरु कर दिया है। छात्रसंगठनों के लिए दयानंद कॉलेज, मदस विश्वविद्यालय और सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय सबसे अहम है।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में एनएसयूआई के अब्दुल फरहान खान (तब निर्दलीय) ने धमाकेदार जीत दर्ज की। यहां उनका एनएसयूआई के राजपाल जाखड़ और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पियूष सिवासिया से कड़ी टक्कर (election fight) थी। राजकीय कन्या महाविद्यालय में निर्दलीय (independent)स्वस्ति आर्य के चलते विद्यार्थी परिषद की हर्षा रावत और एनएसयूआई की सुरजा रावत चुनाव हार (defeat)गई। संस्कृत कॉलेज में एनएसयूआई के कालूसिंह सोलंकी अध्यक्ष बने थे। उपाध्यक्ष पद पर एनएसयूआई की लता मेघवंशी और संयुक्त सचिव पर पवन डाबरिया निर्विरोध निर्वाचित हुए थे। लॉ कॉलेज (law college) में विद्यार्थी परिषद के रचित कच्छावा अध्यक्ष और संजय परसोया उपाध्यक्ष निर्विरोध और महासचिव पद पर विद्यार्थी परिषद के धर्मेन्द्र बाज्या और संयुक्त सचिव पद पर मुकेश मेघवाल जीते थे। दयानंद कॉलेज (dayanand college) में भी निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी थी।