यह है मामला अपीलार्थी पंचशील नगर निवासी राकेश गोयल ने वकील घनश्याम डाणी के जरिए राज्य आयोग में अपील पेश की। अपील में पालरा औद्योगिक क्षेत्र के रामराज ओटो रोलर्स प्राईवेट लिमिटेड, रूद्राक्ष व होंडा कार्स प्राईवेट लिमिटेड नॉयडा, उत्तर प्रदेश को पक्षकार बनाते हुए उपभोक्ता संरक्षण मंच अजमेर में परिवाद पेश किया था। इसमें बताया गया कि प्रार्थी/ अपीलार्थी ने होंडा अमेज कार की खरीद में 9 हजार रुपए अतिरिक्त दिए लेकिन कार की डिलीवरी आज तक नहीं दी गई। जिला मंच ने माना कि वर्ष 2013 का मॉडल मई 2014 का बताते हुए बेच दिया।
यह टाइप त्रुटि थी जिसे बाद में सही करतेहुए फार्म संख्या 21 जारी कर दिया। अपीलार्थी का कहना है कि उसने 9 हजार रुपए अतिरिक्त दिए, लेकिन इसकी कोई साक्ष्य नहीं थी जिला मंच ने परिवादी को अनुतोष नहीं दिलाया। जिला मंच ने माना कि बीमा पंजीकरण का खर्चा लेकर सेवाएं नहीं देना कमी का परिचायक है। इस आधार पर अपील को खारिज करने के आदेश दिए।
राज्य आयोग हुआ तल्ख, फैसले में कड़ी टिप्पणी राज्य आयोग के अध्यक्ष निशा गुप्ता ने फैसले में लिखा कि जिला उपभोक्ता मंच की मूल पत्रावली के अवलोकन से स्पष्ट होता है कि 3 जनवरी 2017 को मूल परिवाद में बहस सुनने के बाद 17 जनवरी फैसले की तारीख दी। फिर 30 जनवरी को भी फैसला नहीं सुनाया। इसी प्रकार 10 व 21 फरवरी 2017 की पेशी नियत की गई लेकिन पत्रावली पर 21 फरवरी की आदेशिका उपलब्ध नहीं है। मंच ने निर्णय 23 फरवरी को सुनाया। इस प्रकार आदेशिका नहीं लिखना त्रुटिपूर्ण है। 23 फरवरी को फैसला सुनाए जाने की जानकारी पक्षकारों को नहीं थी इसकेबावजूद उनकी उपस्थिति दर्शायी गई है। इस संबंध में जिला मंच से स्पष्टीकरण मांगा गया है। तीन पेशी तक फैसला नहीं सुनाने के संबंध में भी स्पष्टीकरण मांग गया है।