सेंट मैरीज चर्च के करीब 125 फीट ऊंचे रूफटॉप पर वाटरप्रूफ का काम चल रहा था। इस दौरान गर्म तारकोल के टार से चर्च की लकड़ी की छत धधक उठी। देखते-देखते आग पूरी छत पर फैल गई।
हवा चलने से ज्यादा नुकसान
तेज हवा से आग की लपटें ज्यादा फैलीं। पूरी छत के साथ आग नीचे तक फैल गई। लपटों ने मसीह समाज के प्रार्थना स्थल- स्टेज अन्य सामान, पंखों को चपेट में ले लिया। चर्च के अंदरूनी भाग में आगे का अधिकांश हिस्सा जल गया।
बारूद के ढेर पर तंग गलियां, नहीं पहुंच सकती दमकल
अजमेर. शहर के कई घने इलाके बारूद का ढेर बन सकते हैं। दरगाह बाजार, पुरानी मंडी-कायस्थ मोहल्ला, घसेटी-होलीदड़ा जैसे कई सघन क्षेत्र में बनी ऊंची-ऊंची इमारतें हादसे को न्यौता दे रही हैं। तंग गलियों में बहुमंजिला आवासीय और व्यावसायिक भवन बन तो गए, लेकिन हादसा होने पर बचाव कार्य मुश्किल है। दमकल और पुलिस के वाहन वहां तक नहीं पहुंच सकते हैं।
दरगाह बाजार, पुरानी मंडी, नला बाजार, घसेटी, होलीदड़ा, मदार गेट सहित इनके आस-पास की तंग गलियों में कई बहुमंजिला मकान, व्यापारिक प्रतिष्ठान और होटल-गेस्ट हाउस बने हुए हैं। इनमें 1 से 2 लाख लोगों का स्थायी-अस्थायी निवास, कारोबार है।2 से 5 फीट की गलियां
घने इलाकों में महज 2 से 5 फीट तक चौड़ी गलियां हैं। इनमें कई पुराने मकान और बहुमंजिला भवन बन चुके हैं। आगजनी की स्थिति में फायर ब्रिगेड घटनास्थल तक नहीं पहुंच सकती। घने इलाकों में लोगों को रेस्क्यू करना आसान नहीं है। खुलेआम गैस सिलेंडर का उपयोग, रिफिलिंग जारी है। जगह-जगह बिजली के तारों का जंजाल बना हुआ है। इन इलाकों में कई बार आग लग चुकी है।
संकरी गलियों में अंधाधुंध निर्माण
नला बाजार, फूल गली, हिंदू और मुस्लिम मोची मोहल्ला, मदार गेट-कवंडसपुरा, दरगाह बाजार के अंदरूनी इलाकों, झालरा क्षेत्र, घसेटी व आस-पास के परकोटे के हिस्सों में अंधाधुंध निर्माण जारी है। यहां बेहद संकरी गलियां हैं। घरों अथवा फैक्ट्री-दुकान, कारखानों में आगजनी होने पर तत्काल राहत पहुंचाना मुश्किल है। फायर ब्रिगेड की बड़ी गाडिय़ां इन गलियों में नहीं पहुंच सकती हैं।