दरअसल अजमेर के नाग पहाड़-पुष्कर क्षेत्र से लूणी नदी निकलती है। इसमें बरसात का पानी सबसे पहले आनसागर झील में पहुंचता है। आनासागर झील के छलकने के साथ यह पानी तोपदड़ा, खानपुरा तालाब होते हुए पीसांगन तक पहुंचता है। यहां से लूणी नदी का पानी मारवाड़ जिले में प्रवेश कर जाता है। लूणी नदी का पानी नागौर, जोधपुर, पाली और अन्य जिलों तक पहुंचता है।
लूणी नदी में पानी की आवक के साथ मारवाड़ जिले के कुओं का जलस्तर बढ़ता है। साथ ही कई तालाबों में पानी की आवक होती है। लिहाजा अजमेर में लगातार हो रही बरसात ने मारवाड़ के लोगों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। मानसून के दौरान तीन महीने तक लगातार बारिश हुई तो मारवाड़ को भी लूणी नदी के माध्यम से पर्याप्त पानी मिल सकेगा।
मौसम अरावली की पहाडिय़ों पर काले बादल तैरते रहे। बरसात के कारण मौसम में हल्की ठंडक भी रही। लोगों को कई दिनों बाद उमस और गर्मी से राहत मिली। रविवार छुट्टी होने से कई लोग फायसागर, पुष्कर, आनासार चौपाटी, महाराणा प्रताप स्मारक, बैजनाथ और अन्य पिकनिक स्थलों पर लोगों की भीड़ रही।