जम्मू-कश्मीर (J&K) में तैनात किशनगढ़ (Kishangarh) पास स्थित बुहारू गांव में रहने वाले आर्मी के जवान दयालचंद गुर्जर की 23 मार्च 2000 को बारामुला में आतंकियों से मुठभेड़ हो गई थी। शहीद के भाई विश्राम गुर्जर ने बताया कि बारामुला में एक मस्जिद में आतंकी छुपे थे। इस दौरान उनकी आतंकियों से मुठभेड़ हो गई। इस दौरान दोनो ओर से जमकर फायरिंग हुई। कई आतंकी ढेर हो गए। भीषण फायरिंग के दौरान दयालचंद को भी हाथ-जांघ सहित अन्य हिस्सों पर सात गोलियां लग गई। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। लेकिन उन्होंने अंत तक मोर्चा संभाले रखा। मुठभेड़ खत्म होने के बाद अस्पताल जाने के दौरान वे शहीद हो गए। दयालचंद की शहादत के समाचार सुनकर परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया।