पहले समझाइश, फिर नोटिस परिषद की ओर से शुरू की गई ट्रेड लाइसेंस देने के लिए प्रक्रिया के तहत परिषद कार्मिक दुकानदारों को आवेदन करने के साथ इसके फायदे बता रहे हैं। वहीं समझाइश के बाद भी आवेदन नहीं करने पर नोटिस भी भेजे जा रहे हैं। दस्तावेजों की जानकारी भी दी जा रही है। कुछ दुकानदारों को आ रही ऑनलाइन आवेदन की समस्या के समाधान के लिए परिषद ने ई-मित्र भी परिषद कार्यालय में खुलवा दिया है। साथ ही एक कार्मिक को भी उनके साथ लगाया है, जो दुकानदारों की मदद करेगा। साथ ही सभी दस्तावेजों की पूर्ति कराएगा।
क्यों पड़ रही जरूरत ..
राज्य सरकार ने इसी वर्ष से ट्रेड लाइसेंस देने की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया है। जिससे हर दुकानदार को लाइसेंस दिया जा सके। इससे दुकानों की पहचान होगी। साथ ही वे वैध रूप से कार्य कर सकेंगे। शहर में अधिकांश दुकान बिना लाइसेंस ही चल रही है, जिनका कोई रिकॉर्ड परिषद के पास ही नहीं है।
क्या होगा फायदा..
ट्रेड लाइसेंस लेने से दुकानदार वाणिज्यिक गतिविधि करने के लिए अधिकृत होगा। साथ ही वह किसी सरकारी मदद के लिए भी पात्र होगा। इसके अलावा बैंक से ऋण लेने के लिए भी उसे आवश्यकता होगी। इसके साथ ही एक आंकड़ा नगरपरिषद में भी जमा होगा, जिससे हर किस्म के व्यापार की जानकारी परिषद के पास होगी।
यह दुकानदार होंगे शामिल ट्रेड लाइसेंस लेने के लिए सभी दुकानदार आवेदन कर सकते हैं। इनमें होटल, रेस्ट्रोरेंट, ढाबा, मिठाई दुकानदार, नाई, बढई, चाट-पकौड़ी, किराना व खाद्य सामग्री विक्रेता सहित अन्य सभी दुकानदार ट्रेड लाइसेंस ले सकते हैं।
अब खुद निकाल सकेंगे प्रमाण-पत्र … नगरपरिषद में विभिन्न प्र्रकार के प्रमाण-पत्र लेने के लिए अब कार्मिकों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके लिए परिषद ने कार्यालय में ही ई-मित्र की सुविधा शुरू की है। इससे कोई भी व्यक्ति जन्म प्रमाण-पत्र, मूल निवास प्रमाण-पत्र आधार कार्ड, राशन, पेंशन, जाति प्रमाण पत्र निकाल सकता है। इसके लिए भी परिषद की ओर से कार्मिक को लगाया गया है।