आनासागर से चार बार में 10 से 12 फीट पानी की निकाली हो चुकी है। यह पानी एस्केप चैनल के जरिए खानपुरा तालाब (khan pura pond), पीसांगन (pisangan) होता हुआ गोविंदगढ़ (govind garh) तक पहुंच गया है। लेकिन शहर के बीचों-बीच स्थित पालबीसला तालाब (palbisla pond ) को इसका फायदा नहीं मिल पाया। अव्वल तो पालबीसला पूरी तरह अतिक्रमण (illegal capture) की चपेट में है। तिस पर उसमें आनसागर (anasagar lake) का पानी पहुंचाने के इंतजाम नहीं हैं।
आनासागर और पालबीसला सदियों पुराने जलाशय हैं। चौरसियावास, फायसागर (foy sagar) और खानपुरा तालाब दो-सौ तीन साल पुराने हैं। दुर्भाग्य से आजादी के बाद सरकार (state govt), स्थानीय प्रशासन (local officials) शहर या इसके आसपास कोई नया जलाशय (new water body) नहीं बना पाए हैं। ऐसा होता तो आनासागर झील सहित शहर में व्यर्थ बहने वाले बरसात के पानी को संरक्षित (rain water conservation) किया जा सकता था।
एस्केप चैनल (escape channel)से निकल कर पानी सुभाष उद्यान के सामने नेहरू अस्पताल के यूरॉलीज विभाग के पीछे होकर जयपुर रोड, ब्रह्मपुरी, तोपदड़ा, पालबीचला, जादूघर,अलवर गेट होकर आदर्श नगर पहुंच रहा है। यहां से यह खानपुरा तालाब, पीसांगन और गोविंदगढ़ बांध तक जा पहुंचा है।
7 जुलाई- गेज 14 फीट
2अगस्त-गेज 15 फीट 11 इंच
17 अगस्त-गेज 15 फीट
7 सितंबर-गेज 15 फीट 6 इंच