जानकारी के मुताबिक वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक) प्रतियोगी परीक्षा-2018 के तहत गुरुवार को सुबह 9 से 11.30 बजे हिंदी का पेपर हुआ। बाडमेर में वॉट्सएप पर हिंदी विषय का पेपर वायरल हो गया। इसकी सूचना राजस्थान लोक सेवा आयोग तक पहुंची। आयोग ने परीक्षा के बाद पेपर वायरल होना मानते हुए प्रथम दृष्टया पेपर को आउट मानने से इन्कार कर दिया।
तत्काल किया बाड़मेर संपर्क
आयोग प्रशासन ने हिंदी के पेपर को आउट नहीं माना। साथ ही नियंत्रक कक्ष अथवा बाडमेर से किसी तरह की शिकायत नहीं मिलने की बात कही। सचिव पी. सी. बेरवाल ने उप सचिव सुशील कुमार जैन को तत्काल अपने कक्ष में बुलवाया।
उन्होंने बाडमेर के अतिरिक्त कलक्टर राकेश कुमार से बातचीत भी की। उधर आयोग अध्यक्ष दीपक उप्रेती ने भी बाडमेर के कलक्टर नकाटे शिवप्रसाद से संपर्क किया। दोनों अफसरों ने पेपर से जुड़ी कोई शिकायत नहीं मिलने की जानकारी दी।
इससे पहले राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) द्वारा आयोजित सेकंड ग्रेड शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा 2018 का हिंदी का पेपर सोशल मिडिया पर आउट होने की सूचना ने गुरुवार को हड़कंप मचा दिया। हालांकि अभी पूरे मामले को जिला प्रशासन ने जांच का विषय बताया है। वहीं दूसरी तरफ परीक्षा देने वालों ने विभिन्न परीक्षाओं के पेपर आउट होने की घटनाओं पर रोष जताते हुए आरपीसी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया है। दरअसल, गुरुवार को हिंदी पेपर की परीक्षा शुरू होते ही इसके सोशल मीडिया पर वायरल होने की खबर फ़ैल गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पेपर की जब पड़ताल की गई तो हिंदी पेपर हूबहू ‘O’ सीरीज का निकला। परीक्षा शुरू होने से पहले पेपर लोगों तक पहुंचा जिससे अभ्यर्थियों में कई तरह की शंकाएं बनीं रहीं।
सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती का पेपर आउट होने के बाद अभ्यार्थियों में आरपीएससी के प्रति आक्रोष का माहौल है। अभ्यर्थियों का कहना है आरपीएससी का पेपर आउट होता है ऐसे में विभिन्न परीक्षाएं राजस्थान अधीनस्थ सेवा बोर्ड से करवाना चाहिए।