आयोग के अधिवक्ता एम.एफ.बेग ने बताया कि हाईकोर्ट ने आरएएस मुख्य परीक्षा-2018 का परिणाम जारी करने के आदेश जारी किए हैं। हाईकोर्ट ने सुरज्ञान सिंह और अन्य ने प्रारंभिक परीक्षा की कट ऑफ को लेकर अन्य याचिकाओं का निस्तारण कर दिया है। मालूम हो कि आयोग ने मुख्य परीक्षा कराने के बाद हाईकोर्ट के निर्णयानुसार ही परीक्षा कराकर कॉपियां जंचवाई थीं।
हाईकोर्ट के आदेश जारी होते ही राजस्थान लोक सेवा आयोग में हलचल बढ़ गई। अध्यक्ष दीपक उप्रेती ने सचिव आशीष गुप्ता और परीक्षा विभाग से चर्चा की। आयोग फरवरी- मार्च में ही कॉपियों की जांच करा चुका है। अब वर्गवार कट ऑफ और अन्य तकनीकी बिंदुओं की जांच होनी है। इसके लिए तत्काल सेवानिवृत्त अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों को बुलाया गया। संभवत: आयोग एक-दो दिन में परिणाम जारी करेगा।
सरकार ने पिछले दिनों आरएएस मुख्य परीक्षा के लिए आरक्षित अभ्यर्थियों को बुलाने के नियम में बदलाव किया। इसके तहत रिक्तियों की कुल अनुमानित संख्या के 15 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में बुलाया जाएगा। मुख्य परीक्षा में प्रवेश के लिए अर्हित घोषित किए जाने वाले अभ्यर्थियों द्वारा प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त अंकों की उनका अंतिम योग्यता क्रम निर्धारित करने के लिए संगणना नहीं की जाएगी।
मुख्य परीक्षा में उपस्थित होने वाले अभ्यर्थियों को व्यक्तित्व और मौखिक परीक्षा में उपस्थित होने के लिए प्रत्येक पेपर में न्यूनतम 10 प्रतिशत अंक और समस्त प्रश्न पत्रों के कुल अंकों में से कुल 15 प्रतिशत अंक प्राप्त करने जरूरी होंगे।
वर्ष 2016 में आयोजित आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा भर्ती परीक्षा में सामान्य, तलाकशुदा और ओबीसी वर्ग (सामान्य एवं महिला) की कट ऑफ बराबर यानि 327 रही थी। आयोग ने 1792 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार का पात्र घोषित किया था। आयोग ने आरएएस एवं अधीनस्थ सेवा-2018 के तहत 1017 पदों के लिए परीक्षा कराई है। इसकी कट ऑफ पर अभ्यर्थियों की नजर रहेगी।
-11 अप्रेल 2018 को विज्ञापन जारी कर 1017 पदों के लिए मांगे आवेदन
-आरएएस के 405 पद, अधीनस्थ सेवा के 575 पद और टीएसपी क्षेत्र के 37 पद
-3 लाख 67 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी 5 अगस्त को बैठे थे प्रारंभिक परीक्षा में
-23 अक्टूबर 2018 को घोषित किया गया था प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम
-25-26 जून 2019 को आयोजित मुख्य परीक्षा में बैठे 22 हजार 984 अभ्यर्थी