अजमेर पहुंचने पर अनुज को वेंटीलेटर पर देखा तो उनकी उम्मीदें टूट चुकी थीं। बोले. . उसका-मेरा इतना ही साथ था, मगर स्कूल प्रबंधन को सबक मिलना चाहिए। ताकि भविष्य में किसी और के साथ ऐसा हादसा पेश ना आए। अनुज को याद करते हुए पिता विजय कुमार ने बताया कि वह दिवाली पर घर नहीं आया तो अनुज ने मोबाइल फोन पर बात की। उसने दिल्ली से लाइट्स भेजी थी। जिससे अनुज ने ज्ञान विहार में नवनिर्मित घर को खुद रोशन किया, लेकिन अब घर का चिराग ही हादसे में बुझ गया।
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सब कुछ बिखर गया
विजयकुमार ने बताया कि दीवाली पर घर नहीं आया तो अनुज ने कपड़े नहीं खरीदे। उसने उससे कहा कि वह मामा की बेटी की शादी के लिए 4 ड्रेस खरीदेगा। ताकि शादी में हर दिन अलग-अलग ड्रेस पहनेगा लेकिन अब उसका सबकुछ बिखर गया।
दोस्त यश के लिए लाया था परांठे
बेटे को याद कर बिलखते हुए अनुज की मां ने बताया कि रविवार को अनुज खुशी-खुशी रवाना हुआ। टूर्नामेंट के लिए नए जूते खरीदे थे। जबकि दोस्त यश के लिए भी परांठे लेकर गया था। दस दिन पहले यश के बर्थडे पर भी गया था।
मिलना चाहिए सबक
विजय कुमार सुवाल ने कहा कि होनी को कोई नहीं टाल सकता लेकिन स्कूल प्रशासन की लापरवाही को नजर अंदाज भी नहीं किया जा सकता है। उन्हें सबक मिलना चाहिए ताकि भविष्य में किसी और के बच्चों के साथ ऐसा हादसा पेश ना आए।
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लापरवाही ने छीना छोटा भाई
छोटे भाई की तस्वीर को मोबाइल फोन में देखते हुए बिलखती बहन ने कहा कि स्कूल प्रशासन व पीटीआई की लापरवाही ने छोटे भाई को हमेशा के लिए उनसे छीन लिया।