सरकार और बोर्ड ने शिक्षाविदों की कमेटी बनाई थी। इसमें एसपीसी-जीसीए के प्राचार्य डॉ. एम.एल. अग्रवाल, सहायक निदेशक डॉ. सुनीता पचौरी, एमडीएस विश्वविद्यालय के कंप्यूटर विभागाध्यक्ष प्रो. नीरज भार्गव, राजस्थान विवि के सेवानिवृत्त शिक्षक डॉ. मदन लौरी और राजस्थान विवि के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शैलेंद्र गुप्ता को शामिल किया गया।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 40 प्रतिशत कोर्स कम किया है। इसमें नवीं से बारहवीं कक्षा तक पाठ्यक्रम शामिल है। इसमें नवीं से बारहवीं कक्षा तक पाठ्यक्रम शामिल है। बोर्ड ने संशोधित पाठ्यक्रम में विषयों की मूल अवधारणा को यथावत रखने पर जोर दिया है। बोर्ड ने समिति को ऐसी विषय-वस्तु को नहीं हटाने को कहा, जिससे विद्यार्थियों को कोई परेशानी हो। पाठ्यक्रम और उच्च स्तरीय समिति ने सीबीएसई के पाठ्यक्रम वाली कक्षाओं में कमी करते हुए उसके पैटर्न का ध्यान रखा है।
नवीं से बारहवीं कक्षा तक सिलेबस में 40 प्रतिशत कमी की गई है। सरकार के निर्देश और उच्च स्तरीय समिति की सिफारिश पर फैसला किया गया है।
प्रो. डी. पी. जारोली, अध्यक्ष राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड