शहर के 30 तिराहों और चौराहों पर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में ऑटोमेटिक ट्रैफिक कन्ट्रोल सिग्नल सिस्टम में ट्रैफिक लाइट्स लगाई गई हैं। सिस्टम लगने के बाद शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार की उम्मीद की जा रही थी। लेकिन लाइट्स लगाने के बाद भी चौराहों पर सिग्नल बंद हैं। तिराहों और चौराहों पर जाम और बदइंतजामी के हालात बने रहते हैं।
तीन साल पूर्व हुआ था काम
अजमेर स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शहर का ट्रैफिक क लाइट सिस्टम भी स्मार्ट बनाने की कवायद 2020 में हो गई थी। अधिकांश चौराहों पर सिग्नल लाइट, टाइमर समेत तमाम उपकरण लटका दिए। गांधी भवन, आगरा गेट, क्लॉक टावर, इंडिया मोटर सर्किल पर एलिवेटेड निर्माण को बाधक बताकर करीब 3 साल बाद ट्रैफिक लाइट्स लगाई गई। लेकिन इसके बाद भी चौराहों पर स्टॉप, जेबरा लाइन व सड़क निर्माण नहीं किया जा सका। ऐसे में शहर की यातायात व्यवस्था सुधरने के बजाए बदहाल हो गई है। व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस कर्मियों को मशक्कत करनी पड़ती है।
यहां लगाई गई हैं लाइट्स
आगरागेट, गांधीभवन, क्लॉक टावर, सूचना केंद्र, बजरंगगढ़, पुलिस लाइन चौराहा, महावीर सर्किल, राजा साइकिल, परबतपुरा, रामगंज चुंगी नाका, जीसीए चौराहा, अलवरगेट, इंडिया मोटर सर्किल चौराहा, सेशन कोर्ट, जवाहर रंगमंच, सावित्री स्कूल तिराहा, वैशालीनगर माकड़वाली तिराहा, पुरानी चौपाटी, आनासागर पुलिस चौकी, केंद्रीय कारागृह, रीजनल कॉलेज तिराहा, एमडीएस यूनिवर्सिटी तिराहा, 9 नंबर पेट्रोल पम्प, जनाना हॉस्पिटल तिराहा, वैशाली नगर, मित्तल हॉस्पिटल, रामनगर, लव-कुश उद्यान, अंबेडकर सर्किल व पुराना आरपीएससी सर्किल तिराहा।
सिग्नल चालू हो तो मिले राहत
ट्रैफिक लाइट्स के शुरू होने पर यातायात पुलिस कर्मियों को राहत मिलेगी। लाइट्स के अभाव में कई चौराहों पर जाम के हालात बन जाते हैं। यातायात पुलिस कर्मियों को भी सुचारू यातायात के लिए मशक्कत करनी पड़ती है।
दिलीपसिंह, हैडकांस्टेबल यातायात पुलिस
इनका कहना है… ट्रैफिक लाइट्स की अभी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की ओर से सुपुर्दगी नहीं की गई है। चौराहे-तिराहे पर अभी बहुत काम बाकी हैं। जेबरा लाइन, क्रॉसिंग साइन समेत चौराहों की मरम्मत होनी है। अधूरे काम में सिग्नल चालू करने से दुर्घटना का अंदेशा बना रहेगा।नरपतराम बाना, यातायात निरीक्षक अजमेर